सुपौल-पिपरा नयी रेलखंड पर अप्रैल से ट्रेनें दौड़ने लगेंगी. अब इन गांवों का सीधा जुड़ाव बड़े शहरों से होगा.
सुपौल जिले में विकास की नयी रफ्तार जुड़ने जा रही है. सुपौल-पिपरा नवनिर्मित रेलखंड पर अप्रैल माह से ट्रेन परिचालन शुरू होने जा रहा है. पूर्वी सर्कल के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) 29 मार्च को इस रेलखंड का निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलते ही ट्रेन सेवा बहाल हो जाएगी. यह रेलखंड सुपौल-अररिया (गलगलिया) तक रक्षा मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा परियोजना में शामिल है. लगभग 95 किलोमीटर लंबे इस रेलखंड में सुपौल से पिपरा तक का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है.
औद्योगिक गतिविधियों को भी मिलेगा प्रोत्साहन
रेल सूत्रों के मुताबिक, ट्रैक बिछाने और सिग्नलिंग का काम पूरा कर लिया गया है. सुपौल-पिपरा के बीच 21.07 किमी की दूरी में 51 छोटे-बड़े पुल-पुलियों का निर्माण कराया गया है. गाटर बैठाने का काम भी पूरा हो चुका है. परियोजना नेपाल सीमा के समानांतर गुजरती है, जिससे सामरिक महत्व भी बढ़ जाता है. इस रेलखंड के जरिए सुपौल और पिपरा के बीच यात्रा आसान होगी. खासकर छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों को बड़ा लाभ मिलेगा. साथ ही इस ट्रेन सेवा के शुरू होते ही व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित बिहार दौरे में इस रेलखंड का लोकार्पण संभव है.
दो रेलवे स्टेशनों का हो रहा निर्माण
सुपौल-पिपरा रेलखंड के बीच दो नए स्टेशनों का निर्माण हो रहा है. थुमहा स्टेशन का कार्य अंतिम चरण में है, जबकि पिपरा में स्टेशन का निर्माण तेजी से चल रहा है. पिपरा स्टेशन पर 700 मीटर लंबा प्लेटफार्म, 64.250 मीटर लंबा और 08 मीटर चौड़ा भवन बनाया जा रहा है. पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम छत्रसाल सिंह ने 09 अक्टूबर 2024 को सुपौल दौरे के दौरान ही पिपरा तक ट्रेन परिचालन की घोषणा कर दी थी. उन्होंने कहा था कि 31 मार्च तक इस रेलखंड पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी.
स्थानीय लोगों में जगी उम्मीद
रेलखंड की प्रगति को देखकर स्थानीय लोगों में उत्साह है. लोगों को उम्मीद है कि ट्रेन सेवा शुरू होते ही सुपौल का सीधा जुड़ाव बड़े शहरों से होगा और विकास के नए द्वार खुलेंगे.