रांची: एक बार फिर चर्चा गर्म है कि सीता सोरेन झामुमो में शामिल हो सकती हैं. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले वे बीजेपी में शामिल हो गईं थीं. इसके बाद उन्होंने विधानसभा चुनाव भी बीजेपी की टिकट पर लड़ा लेकिन हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी कि अब शायद वह फिर से झामुमो में शामिल हो जाएं.
2 फरवरी को दुमका में झामुमो के स्थापना दिवस का आयोजन होना है. दुमका के गांधी मैदान में भव्य तैयारी की जा रही है. इसमें पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सह सीएम हेमंत सोरेन शामिल होने वाले हैं. इस बार का स्थापना दिवस बेहद खास है क्योंकि पिछले साल इसी समय जेल में होने की वजह से हेमंत सोरेन शामिल नहीं हो पाए थे. इस बीच सीता सोरेन की झामुमो में वापसी को लेकर हो रही चर्चा पर ईटीवी भारत की टीम ने सीता सोरेन से सीधी बातचीत की है. उनके जवाब से वापसी का रहस्य और ज्यादा गहरा गया है.
वापसी के सवाल पर क्या बोलीं सीता सोरेन
सीता सोरेन से पूछा गया कि ‘क्या आप झामुमो में वापसी करने जा रहीं हैं’. जवाब में उन्होंने कहा कि ‘1 फरवरी को दुमका पहुंच रही हूं. अभी जहां हूं, अभी हूं. समय सब कुछ बताता है. चर्चा करने वाले को चर्चा करने दीजिए. सब कुछ समय पर छोड़ते हैं. आना-जाना लगा रहता है. परिस्थिति सब काम करवाती है. फिलहाल, सरस्वती पूजा से जुड़े कार्यक्रमों में जाने के लिए दुमका जाना है.’
सीता सोरेन से पूछा गया कि क्या आप 2 फरवरी को गांधी मैदान में आयोजित झामुमो के कार्यक्रम में आ रहीं हैं. जवाब में सीता सोरेन ने कहा कि ‘घर मेरा अपना है, उससे थोड़े इनकार कर सकते हैं. वो तो अपना ही है सबकुछ. मेरा ही बनाया हुआ है’. उन्होंने यहां तक कहा कि ‘आज भी सब वैसे ही है जैसे कल था’. उनसे पूछा गया कि क्या इस चर्चा को खारिज कर देना चाहिए. जवाब में उन्होंने कहा कि ‘अभी चर्चा का विषय रहने दीजिए’. फिलहाल जहां हैं, उसी संगठन का काम करेंगे. सब कुछ वक्त पर छोड़ दीजिए.
बसंत सोरेन ने दी प्रतिक्रिया
दुमका से झामुमो के विधायक सह सीता सोरेन के देवर बसंत सोरेन से सीता सोरेन की वापसी की चर्चा पर सवाल किया गया तो उन्होंने दो टूक कहा कि ‘ये चर्चा आपके कानों तक है, मेरे कानों तक नहीं पहुंची है अभी’. उन्होंने स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर कहा कि कार्यकर्ताओं में काफी जोश और उमंग है. पिछले साल कार्यकारी अध्यक्ष नहीं थे. इसकी वजह से पिछले साल ढंग से स्थापना दिवस नहीं मना पाए थे. लेकिन इस बार सभी उत्साहित हैं.
दरअसल, लोकसभा चुनाव के ठीक पहले गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भाजपा ज्वाइन किया था. उनको पार्टी ने दुमका से प्रत्याशी भी बनाया था. हालांकि वह झामुमो के नलिन सोरेन से चुनाव हार गईं. इसके बाद विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें जामताड़ा से कांग्रेस नेता इरफान के खिलाफ मैदान में उतारा. लेकिन यहां भी सीता को निराशा हाथ लगी. अब झामुमो में दोबारा वापसी की चर्चा हो रही है.