Monday, April 7, 2025

सीएम हेमंत सोरेन के प्रस्तावित विदेश दौरे को लेकर भाजपा नेता ने सवाल उठाए हैं. वहीं मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस पर पलटवार किया है.

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रांची: झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 20 सदस्य प्रतिनिधिमंडल स्पेन और स्वीडन के दौरे पर जाने वाला है. 19 से 27 अप्रैल तक विदेश दौरे पर जा रहे राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल इस दौरान स्पेन के मैड्रिड और बार्सिलोना और स्वीडन के गोथेनवर्ग का दौरा करेगा.

जानकारी के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ राज्य के मुख्य सचिव समेत विभिन्न विभागों के सचिव भी शामिल होंगे. यदि विदेश मंत्रालय से अनुमति मिल जाती है तो प्रतिनिधिमंडल 19 अप्रैल को मैड्रिड पहुंचेगा. यात्रा के दौरान उद्यमियों के साथ शिष्टमंडल की वन-टू-वन मीटिंग होगी. इस दौरान ग्रीन एनर्जी और माइनिंग क्षेत्र में निवेश पर चर्चा की जाएगी.

मुख्यमंत्री सहित राज्य के आला अधिकारियों के विदेश दौरे पर सवाल उठने लगे हैं. प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने सरकार की इस तैयारी को सरकारी पैसे पर घूमना बताया है. वहीं सत्तापक्ष ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार की इस कोशिश की सराहना की है. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने विदेश दौरे की आलोचना करते हुए कहा है कि निवेश को लेकर यदि यह दौरा है तो अच्छी बात है, लेकिन जो पीछे का इतिहास रहा है उससे नहीं लगता है कि इससे कोई फायदा होगा.

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों के बड़े निवेशक तो झारखंड आना ही नहीं चाहते, क्योंकि जमीन को लेकर इतना विवाद है कि कोई भी उद्योगपति झमेले में नहीं पड़ना चाहते. ऐसे में विदेशी उद्योगपति झारखंड में निवेश करेंगे यह संभव नहीं है. क्योंकि राज्य का माहौल निवेशकों के लिए नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इस दौरे के जरिए इतना जरूर होगा कि प्रतिनिधिमंडल सरकारी पैसे से विदेश जरूर घूम लेंगे.

इधर, विपक्ष के द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर पलटवार करते हुए हेमंत सरकार के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा है कि विपक्ष के सवालों का जवाब सत्ता पक्ष हमेशा देता रहा है. सरकार की मंशा स्पष्ट है और मुख्यमंत्री राज्य के विकास के लिए कटिबद्ध है. उनके विदेश दौरे से झारखंड को जरूर कुछ ना कुछ लाभ मिलेगा. राज्य के प्रतिनिधिमंडल के विदेश दौरे से वहां के वित्तीय प्रबंधन सरकार के काम-काज, कृषि क्षेत्र सहित कई विभागों के काम-काज की जानकारी मिलेगी. जाहिर तौर पर इस राज्य को फायदा मिलेगा.

गौरतलब है कि सीएम हेमंत सोरेन से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी 2017 में विदेश दौरा कर चुके हैं. उस समय भी राज्य में निवेश को बढ़ावा देने का मुख्य उद्देश्य था. उस समय नेता प्रतिपक्ष रहे हेमंत सोरेन सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए इसे फिजूलखर्ची बताते नजर आ रहे थे.

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