झारखंड हाई कोर्ट ने जेपीएससी को सिविल जज जूनियर डिवीजन के पीटी परीक्षा का परिणाम चार महीने में जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने 98 प्रश्नों के आधार पर रिजल्ट जारी करने को कहा है क्योंकि आंसर शीट में दो प्रश्न गलत थे। यह निर्देश नमिता राज एवं अन्य की याचिका पर दिया गया जिन्होंने आंसर-की में खामियों का आरोप लगाया था।
रांची। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में सिविल जज जूनियर डिवीजन के पीटी (प्रारंभिक परीक्षा) का परिणाम जारी करने को लेकर दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद अदालत ने जेपीएससी को 98 प्रश्नों के आधार पर चार माह में पीटी का परिणाम जारी करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने माना है कि पीटी का जो आंसर शीट जारी किया गया था उसमें दो प्रश्न गलत थे।
अब इस आधार पर जारी होगा रिजल्ट
कोर्ट ने जेपीएससी को 98 सवालों के आधार पर परिणाम जारी करने का निर्देश दिया। इस संबंध में प्रार्थी नमिता राज एवं अन्य ने याचिका दाखिल की थी।
प्रार्थी की ओर से कहा गया था कि आयोग ने जो आंसर- की जारी किया है उसमें कई खामी है। इन खामियों को दूर कर परिणाम प्रकाशित किया जाए। आयोग की ओर से दिए गए दो प्रश्नों का उत्तर गलत है।
2023 में निकली थी भर्ती
बता दें कि वर्ष 2023 में सिविल जज जूनियर डिवीजन में नियुक्ति के लिए जेपीएससी ने विज्ञापन निकाला था। वर्ष 2024 में परीक्षा ली गई। इसके बा बाद आंसर शीट जारी किया गया
अभ्यर्थियों ने उसमें खामी बताते हुए आयोग से शिकायत की, लेकिन आयोग ने शिकायत नहीं सुनी। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
कोर्ट ने सरकार से कहा- जल्द करे लीगल अफसर की नियुक्ति
दूसरी ओर, हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में रांची नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया बंद होने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान अदालत ने रांची नगर निगम और आरआरडीए में चार माह से नक्शा पास नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई और सरकार को रांची नगर के लीगल अफसर की नियुक्ति जल्द करने का निर्देश दिया।
अदालत ने मौखिक कहा कि चार माह से नक्शा पास करने का काम बंद है। आम जनता परेशान है। लीगल अफसर की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं की गई। मामले में अगली सुनवाई छह मई को होगी।