घटना के बाद सोनार टोली और आसपास के इलाकों में आक्रोश का माहौल है. लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहले इस विवाद को गंभीरता से लिया होता, तो यह नौबत नहीं आती. स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नगर थाना अक्सर शिकायतों को नजरअंदाज करता है और कागजी कार्रवाई तक सीमित रहता है.
सिवान जिले के सोनार टोली मोहल्ले में पैसों के लेन-देन के पुराने विवाद में ज्वैलर्स कारोबारी सत्यदेव सोनी के बेटे शुभम सोनी को अपराधियों ने गोली मार दी है. गोली शुभम के कंधे को चीरती हुई निकल गई, जिससे उनकी हालत नाजुक हो गई. उन्हें तुरंत सीवान सदर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया. पटना के एक निजी अस्पताल में शुभम का ऑपरेशन हुआ है, लेकिन उनकी हालत अभी भी चिंताजनक बनी हुई है. मोहल्लेवासियों का दावा है कि इस विवाद की जानकारी नगर थाना को पहले से थी और इसकी लिखित शिकायत भी दी गई थी. इसके बावजूद, पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसे स्थानीय लोग इस घटना का प्रमुख कारण मान रहे है
पैसे के लेन-देन में हुई वारदात
पुलिस और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुभम सोनी और आरोपी पीयूष कुमार सोनी के बीच कई महीनों से पैसे के लेन-देन को लेकर तनातनी चल रही थी. यह विवाद समय के साथ बढ़ता गया और कई बार दोनों के बीच तीखी बहस और कहासुनी हो चुकी थी. बताया जाता है कि रात करीब 9:30 बजे यह विवाद चरम पर पहुंच गया. नगर थाना क्षेत्र के सोनारपट्टी में शुभम और पीयूष के बीच पहले तीखी नोक-झोंक हुई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई. इसी दौरान गुस्से में आकर पीयूष ने पिस्तौल निकाली और शुभम पर गोली चला दी. गोली की आवाज से मोहल्ले में हड़कंप मच गया. जब तक लोग कुछ समझ पाते, पीयूष घटनास्थल से फरार हो चुका था. स्थानीय लोगों ने तुरंत शुभम को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पुलिस के देर से पहुंचने पर गुस्सा भड़क उठा.
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित
नगर थाना प्रभारी राजू कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि यह मामला पैसों के लेन-देन से जुड़ा है. उन्होंने बताया कि पुलिस ने आरोपी पीयूष की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है. हालांकि, यह पूछे जाने पर कि पुलिस को सूचना के बाद मौके पर पहुंचने में कितना समय लगा और कितनी गोलियां चलीं, उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया. इससे पुलिस की तत्परता और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस का दावा है कि पीयूष सोनी की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित की गई हैं और छापेमारी जारी है, लेकिन आरोपी के फरार होने और पुलिस की कथित लापरवाही ने इस मामले को और जटिल बना दिया है. एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “पुलिस को पहले से पता था कि यह विवाद गंभीर हो सकता है, फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया. अब गोली चलने के बाद भी आरोपी फरार है.”