साहिबगंज: मंडरो प्रखंड के नगर भीठा गांव में एक सप्ताह में अब तक पांच बच्चों की मौत हो चुकी है व दर्जन भर बच्चे और युवा पीड़ित हैं. ब्रेन मलेरिया से मौत की आशंका बताई जा रही है. रविवार को नगर भीठा ग्राम प्रधान ने घटियारी गांव के झामुमो कार्यकर्ता को इसकी जानकारी दी. वहीं जानकारी मिलते ही उपायुक्त ने स्वास्थ्य टीम को नगर भीठा गांव भेजा. जहां बीमार बच्चों का टीम ने रक्त संकलन किया एवं प्राथमिक उपचार करना प्रारंभ किया. सीएचओ ने बताया कि रक्त संकलन करके उसे जांच के लिए दुमका भेजा जाएगा. फिल्हाल अभी दवा दी जा रही है.
बिमारी से जिन बच्चों की हुई मौत
- जीता पहाड़िया (आयु दो वर्ष), पिता चांदु पहाड़िया, 12 मार्च को मौत,
- विकास पहाड़िया (आयु पांच वर्ष), पिता असना पहाड़िया, 19 मार्च को मौत,
- बेफरे पहाड़िया (जिसकी आयु चार वर्ष), पिता गुल्ली पहाड़िया, 20 मार्च को मौत,
- एतवारी पहाड़िया (आयु दो वर्ष), पिता बिजु पहाड़िया, मौत 22 मार्च,
- सजनी पहाड़िन (आयु तीन वर्ष), पिता सोमरा पहाड़िया, मौत रविवार 23 मार्च सुबह होने के बाद ही गांव के लोग हरकत में आए एवं घटियारी गांव के लोगों को जानकारी दी.
गांव में बीमार बच्चे एवं अन्य लोग जिनका इलाज टीम कर रही है
- रुती पहाड़ियन 6 वर्ष,
- दिनेश पहाड़िया 3 वर्ष, अ
- रुण पहाड़िया 4 वर्ष,
- मीना पहाड़िया 5 वर्ष,
- जोनी पहाड़िन 2 वर्ष,
- दानियाल पहाड़िया 5 वर्ष,
- मनोज पहाड़िया 8 वर्ष,
- गुलाबी पहाड़िया 8 वर्ष,
- पति पहाड़िया 20 वर्ष,
- चुनी पहाड़िन 27 वर्ष सहित दर्जन भर बच्चे एवं युवक बीमार हैं.
बिमारी की लक्षण
इसमें सर दर्द, शरीर गर्म होना, उल्टी होना, डायरिया होना एवं बेहोश होने पर मौत हो जाती है. स्वास्थ्य टीम ने 32 महिला, पुरुष एवं बच्चे की रक्त संकलन कर दुमका भेजने की बात कही है. वहीं स्वास्थ्य टीम में सीएच ओ रवि कुमार जाटव, नितिन चतुर्वेदी, एमपीडब्ल्यू डोमन मंडल, दिनेश कुमार, बीपीएम अमन भारती, शांति लता हेंब्रम सहित स्वास्थ्य टीम कैंप कर रही है.
क्या कहा सीएस ने
सिविल सर्जन प्रवीण स्थालिया ने बताया कि अभी तक पांच बच्चों की मौत हो चुकी है. अन्होंने कहा कि ये मौतें ब्रेन मलेरिया से हो सकती हैं जिसकी जानकारी मिल रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार कैंप कर रही है. सोमवार को सभी अधिकारी उस गांव में पहुंचकर बीमारी का जायजा लेंगे. अगल-बगल गांव को भी देखा जाएगा. सिविल सर्जन ने बताया कि लोगों का इलाज युद्धस्तर पर चल रहा है.