रांची: जनगणना प्रपत्र में अलग “सरना धर्म कोड” देने की मांग को लेकर झारखंड की सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ज्यादा आक्रामक नजर आ रही हैं. अभी 26 मई को झारखंड कांग्रेस की ओर से राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन और 27 मई को झामुमो की ओर से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन के कुछ ही दिन बीते हैं कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एक और प्रदर्शन की घोषणा कर दी है.
झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झामुमो ने पहले से ही घोषणा कर रखा है कि अलग सरना धर्म कोड की मांग पूरी होने तक चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. उसी कड़ी में 27 मई को राज्यव्यापी आंदोलन के बाद अब 5 जून को राजभवन के समक्ष विशाल धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अलग सरना धर्म कोड जनजातीय समुदाय की पहचान और अस्मिता से जुड़ा हुआ मामला है
उन्होंने कहा कि पार्टी जनजातीय समुदाय की इस मांग के साथ खड़ी है और 05 जून को राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर राज्यपाल के माध्यम से देश की राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा. 5 जून के धरने में मुख्यमंत्री सह जेएमएम के अध्यक्ष हेमंत सोरेन के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
क्या अलग सरना धर्म कोड की मांग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष खुद 5 जून को सड़क पर उतरेंगे, इस सवाल का सीधा जवाब देने की जगह पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि उनके नेता हेमंत सोरेन के शरीर में उसी आंदोलनकारी का खून दौड़ रहा है जिसने लड़कर अलग झारखंड राज्य का निर्माण करवाया.
उन्होंने कहा कि आज अगर हक और अधिकार की बात आई और जरूरत पड़ी तो एक-एक कार्यकर्ता के साथ कंधा से कंधा मिलाकर मुख्यमंत्री और पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष हेमंत सोरेन साथ चलेंगे. झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि अलग सरना धर्म कोड की मांग निश्चित रूप से हमारे लिए एक बड़ा मुद्दा है और हम इसे निर्णायक मुकाम तक पहुंचाने के लिए जोरदार आंदोलन करेंगे.