पिछले सप्ताह व्यय विभाग ने 8वें वेतन आयोग में प्रतिनियुक्ति के आधार पर 35 पदों को भरने के लिए वेकैंसी सर्कुलर जारी किया था.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी. इसके लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा होगा है. ऐसे में कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग से काफी उम्मीदें हैं और वे जल्द से जल्द नए वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत देने वाली खबर सामने आई है.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कई महीनों की देरी के बाद केंद्र ने 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रिफ्रेंस (ToR) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में तेजी ला दी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार टीओआर को दो से तीन सप्ताह में अधिसूचित कर दिया जाएगा और पैनल के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम भी एक साथ घोषित कर दिए जाएंगे.
रिपोर्ट तैयार करने के लिए कितना समय?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन/पेंशन में संशोधन हर दशक में होता है, जिसमें आर्थिक स्थिति, क्रय शक्ति, कंजप्सन पैटर्न और कीमतों जैसे कई फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है. केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और राज्य सरकारों सहित अन्य हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कम से कम एक साल का समय दिया जा सकता है.
यह देखते हुए कि रिपोर्ट 2026 के मध्य के करीब आएगी. वेतन/पेंशन संशोधन 1 जनवरी, 2026 से किए जाएंगे और कर्मचारियों को बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा. बता दें कि केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) की स्थापना दशक में एक बार की जाती है. एक अधिकारी ने कहा, “ToR और 8वें CPC के लिए नियुक्त किए जाने वाले सदस्यों पर पर्याप्त प्रगति हुई है. उम्मीद है कि अगले 2-3 हफ्तों में इन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा.”
कितने लोगों को होगा फायदा?
8वें वेतन आयोग से रक्षा कर्मियों सहित लगभग 5 मिलियन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ होगा. रक्षा कर्मियों सहित लगभग 6.5 मिलियन पेंशनभोगियों को भी अपनी पेंशन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. इसके अलावा इससे देश के लाखों पेंशनहोल्डर्स को भी फायदा होगा. पिछले सप्ताह व्यय विभाग ने 8वें वेतन आयोग में प्रतिनियुक्ति के आधार पर 35 पदों को भरने के लिए वेकैंसी सर्कुलर जारी किया था.
7वें वेतन आयोग ने रिपोर्ट पेश करने में लिया कितना समय?
उल्लेखनीय है कि 7वें वेतन आयोग का गठन 28 फरवरी, 2014 को किया गया था. इसकी अध्यक्षता जस्टिस अशोक कुमार माथुर ने की थी और इसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 18 महीने का समय लिया था. 1 जनवरी 2016 को लागू किए गए 7वें सीपीसी ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि की थी. इसी तरह पेंशन में भी इतनी ही वृद्धि हुई थी.