कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा का शुक्रवार को पटना में समापन हो रहा है. यात्रा के समापन पर सचिन पायलट भी पटना पहुंचे. उन्होंने तेजस्वी को CM बनाने पर पूछे ये सवालों पर बोला कि चुनाव के बाद पार्टी इसपर फैसला करेगी.
कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो यात्रा’ शुक्रवार को 27 दिनों के लंबे सफर के बाद पटना में समाप्त हो रही है. इस यात्रा की शुरुआत 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के ऐतिहासिक गांधी आश्रम से हुई थी, जिसका उद्देश्य बिहार में बेरोजगारी, पलायन और युवाओं की अनदेखी के खिलाफ जनजागरण फैलाना था.
जो वादे किए गए थे, वो सब अधूरे- सचिन पायलट
पटना में यात्रा के समापन पर कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है. राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट भी पटना पहुंचे. जहां उन्होंने केंद्र और बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “बिहार के युवाओं के साथ बार-बार धोखा हुआ है. जो वादे किए गए थे, वो अब तक अधूरे हैं.” उन्होंने तेजस्वी के सीएम बनने के सवाल पर बोला कि बहुमत मिलता है तो कांग्रेस कमेटी और कांग्रेस आलाकमान से मिलकर आगे विचार करेंगे.
सचिन पायलट ने तहव्वुर राणा के भारत आने पर बोला कि इस आतंकी को सजा देने का काम यूपीए सरकार ने शुरू किया था. सरकार का यह काम सराहनीय है, हम इसके साथ हैं. आतंकी को हर हाल में सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए. वहीं कन्हैया से किए गए कई सवालों पर सचिन पायलट ने उनको रोक खुद जवाब दिया.
कन्हैया ने क्या कहा?
कन्हैया कुमार ने बताया कि इस पदयात्रा के दौरान राज्यभर के युवाओं और आम लोगों से जो समस्याएं सामने आईं. उन्हें एक मांग पत्र के रूप में तैयार कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सौंपा जाएगा. उन्होंने दोहराया कि बिहार से हो रहे लगातार पलायन को रोकना होगा और युवाओं को सम्मानजनक रोजगार देना सरकार की जिम्मेदारी है.
यात्रा को लेकर पटना में पुलिस टीम अलर्ट

सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. पटना के प्रमुख इलाकों बोरिंग रोड, बेली रोड, डाकबंगला चौराहा पर पुलिस बलों की भारी तैनाती की गई है. दीघा से सचिवालय तक कई थाना क्षेत्रों की पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है.
पटना में कन्हैया ने गुरुद्वारा से शुरू की थी यात्रा
यात्रा के समापन से पहले गुरुवार को कन्हैया ने पटना के गुरुद्वारा से यात्रा शुरू की थी. सदाकत आश्रम में झंडोत्तोलन के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोश में कार्यक्रम की शुरुआत की और पूरे दिन रैली का माहौल उत्साहपूर्ण बना रहा.
इस आंदोलन के जरिए कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह बिहार के युवाओं के साथ खड़ी है. नौकरी की मांग और पलायन रोकने के संघर्ष में भी पार्टी युवाओं के साथ है.