Monday, April 28, 2025

 शिक्षक नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, हेमंत सरकार और JSSC को भेजा नोटिस

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सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में सरकार और जेएसएससी को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं ने प्रमाणपत्र सत्यापन से वंचित रहने पर नियुक्ति का आग्रह किया है। अदालत में बताया गया कि दूरस्थ क्षेत्रों में रहने के कारण उन्हें मेरिट लिस्ट की सूचना नहीं मिल सकी। याचिकाकर्ताओं का कहना है की जेएसएससी ने कुछ अभ्यर्थियों को मेल और मैसेज से सूचना दी है।

रांची। सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2016 में होनेवाली हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति (Jharkhand Teacher Bharti) में प्रमाणपत्र सत्यापन से वंचित अभ्यर्थियों की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मामले में राज्य सरकार और झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को नोटिस जारी किया है।

इन अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट से उनके प्रमाणपत्रों का सत्यापन कर रिक्त पदों पर नियुक्ति करने का आग्रह किया है। हाई कोर्ट से अभ्यर्थियों की याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की गई है।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि प्रार्थी सुदूर क्षेत्र में रहते हैं। मेरिट लिस्ट के संबंध में उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिल सकी। इस कारण अंतिम रूप से चयनित होने के बाद भी वह अपना प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए समय पर उपलब्ध नहीं हो सके। यह उनके अधिकारों का हनन है।

‘आयोन ने ऐसा जान कर किया…’

आयोग को विधिवत उन्हें जानकारी देनी चाहिए थी। पहले मेल और मैसेज से सूचना दी जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। आयोग ने ऐसा जान कर किया, ताकि उनके स्थान पर किसी दूसरे की नियुक्ति की जा सके। जबकि कुछ अभ्यर्थियों को मेल और एसएमएस से सूचना दी गई।

उन्हें भी पूर्व की तरह इस सुविधा का लाभ मिलना चाहिए। हालांकि, हाई कोर्ट की एकल पीठ और खंडपीठ से प्रार्थियों को कोई राहत नहीं मिली थी। इस दौरान जेएसएससी का कहना था कि सोनी कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मेरिट लिस्ट जारी की गई है।

आयोग ने इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए यह स्पष्ट कहा था कि मेरिट लिस्ट आयोग की वेबसाइट पर ही उपलब्ध रहेगी। प्रार्थियों ने आयोग की वेबसाइट नहीं देखी, तो यह प्रार्थियों की गलती है न की आयोग की।

झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद जेएसएससी के आदेश को सही बताया था और याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

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