शहीद संतोष की मां के विलाप से पूरा गांव दहल रहा है. मां शीला देवी बिलखते हुए कह रही थीं कि हमरो बेटा काे दुश्मन ले लिया, हमको अपने बेटा को देखना है. बेटा को पढ़ाय-लिखाय के बड़ा किये थे. दुश्मनों ने मेरे बहु के मांग का सिंदूर उजाड़ दिया. पिता चंद्रदेव यादव गुमसुम हैं. किसी से कोई बात ही नहीं करते हैं. बस आने-जाने वालों को टकटकी लगाये देखते हैं. पत्नी साधना कुमारी रोते-रोते बेहोश हो जा रही हैं. उनके मुंह पर पानी का छींटा मार कर आसपास की महिलाएं होश में लाती हैं फिर वह रोने लगती हैं. वह किसी से कोई बात ही नहीं करती हैं.
बेटा कह रहा- दुश्मनों ने मेरे पापा का प्यार मुझ से छीन लिया
पुत्री दीक्षा कुमारी रोते हुए कह रही हैं कि अभी सब कोई पापा का स्टेटस लगा रहे हैं. पापा जिस समय युद्ध कर रहे थे, उनके साथ कोई नहीं था. उस समय वह अकेले थे. पापा के साथ कोई होता, तो आज पापा को कुछ नहीं होता. पुत्र रोते हुए कहते हैं मेरे पापा का प्यार मिटा दिया. वहीं, भाई अभिनव कुमार के अनुसार पांच बजे सेना के अधिकारी का फोन आया कि आपके भाई आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गये. भाभी व बच्चे भागलपुर में थीं. उनको पैतृक घर इस्माइलपुर के पछियारी टोला डिमाहा लेकर आये. चचेरे भाई पवन यादव कहते हैं कि चुटकी भर पाकिस्तान व उसके आतंकी हमारे भाई को शहीद कर देता है. प्रधानमंत्री से आग्रह है कि वे पाकिस्तान को ही मिटा दें, ताकि मेरे कोई सैनिक भाई फिर शहीद नहीं हो.