रांचीः झारखंड में हुए शराब घोटाले मामले में एंट्री करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को तत्कालीन संयुक्त उत्पादन आयुक्त गजेंद्र सिंह और आईएएस अधिकारी विनय चौबे के रिश्तेदार शिपिज त्रिवेदी से पूछताछ की. हालांकि गुरुवार को विनय चौबे से एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम उनके खराब स्वास्थ्य की वजह से पूछताछ नहीं कर पाई.
शराब घोटाले में एसीबी ने गिरफ्तार तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह और नोटिस जारी कर बुलाए गए विनय कुमार चौबे के साले शिपिज त्रिवेदी से पूछताछ की. गुरुवार को विनय कुमार चौबे से भी पूछताछ होनी थी. पूछताछ करने के लिए एसीबी की टीम रिम्स में इलाजरत विनय चौबे के पास भी पहुंची थी लेकिन उनसे पूछताछ नहीं हो पाई. वहीं दोपहर तकरीबन एक बजे एसीबी की टीम ने गजेंद्र सिंह को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से एसीबी कार्यालय लाकर पूछताछ की जबकि शिपिज त्रिवेदी दिन के 11 बजे एसीबी कार्यालय पहुंचे थे.
एसीबी की जांच टीम द्वारा आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के रिश्तेदार शिपिज त्रिवेदी और गजेंद्र सिंह से अलग-अलग पूछताछ की. जांच टीम ने अधिकारियों से सभी प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन की प्रक्रिया की पूरी जानकारी ली. इसके बाद अधिकारियों से पूछा गया कि शराब के सेल के बकाये की वसूली के लिए उनके द्वारा क्या कदम उठाए गए थे. वहीं मार्शन और विजन नाम की कंपनियों के द्वारा बैंक गारंटी फर्जी होने पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर भी सवाल जवाब तलब किया गया.
एसीबी अधिकारियों ने पूछा कि बैंक गारंटी की जांच क्या अधिकारियों ने करायी थी, अगर जांच नहीं करायी गई तो ऐसा क्यों हुआ. जब बैंक गारंटी के फर्जी होने की जानकारी मिली तब क्या कार्रवाई की गई, इन पहलुओं पर एसीबी ने जवाब तलब किया. हालांकि एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, अधिकांश जवाबों का स्पष्ट जवाब उन दोनों की ओर से नहीं दिया गया.
एसीबी ने विनय चौबे के रिश्तेदार शिपिज त्रिवेदी से उनकी कंपनियों और उनमें निवेश के संबंध में जानकारी ली साथ ही आय व्यय के सारे साधनों की जानकारी एसीबी ने जुटायी. एसीबी को अंदेशा है कि विनय कुमार चौबे के द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की जाने वाली संपत्ति का निवेश शिपिज के द्वारा किया जाता है.