शनि राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी राशियों पर किसी न किसी रूप में देखने को मिलेगा. आइये जानते हैं…
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, जिसका सीधा प्रभाव राशियों पर पड़ता है. 29 मार्च 2025 को, न्याय के देवता शनि, अपनी धीमी गति के साथ, कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. शनि, एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं, इसलिए इनका यह परिवर्तन दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाला है.
मीन राशि में ग्रहों का दुर्लभ संयोग
ज्योतिषाचार्य आदित्या झा का कहना है कि, शनि का मीन राशि में प्रवेश एक विशेष घटना इसलिए भी है क्योंकि मीन राशि में पहले से ही 5 ग्रह – सूर्य, बुध, शुक्र, राहु और चंद्रमा विराजमान हैं. शनि के आगमन के साथ ही मीन राशि में 6 ग्रहों का एक दुर्लभ और शक्तिशाली योग बनेगा. ज्योतिष में इतने सारे ग्रहों का एक साथ एक राशि में होना शुभ नहीं माना जाता है. हालांकि, ये ग्रह धीरे-धीरे मीन राशि से निकल जाएंगे, लेकिन शनि जून 2027 तक मीन राशि में ही रहेंगे.
साढ़ेसाती और ढैय्या में बदलाव: शनि के राशि परिवर्तन से राशियों पर चल रही साढ़ेसाती और ढैय्या में भी बदलाव आएगा.
- साढ़ेसाती: मकर राशि से साढ़ेसाती उतरेगी और मेष राशि पर शुरू होगी। कुंभ और मीन राशि पर साढ़ेसाती पहले से ही चल रही है.
- ढैय्या: कर्क और वृश्चिक राशि से ढैय्या उतर जाएगी। अब सिंह और धनु राशि पर ढैय्या शुरू होगी.
जानते हैं शनि के इस गोचर का सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा…
मेष: इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी. हालांकि, द्वादश शनि आपकी राशि के स्वामी मंगल से समभाव रखता है, इसलिए यह समय आपके लिए राहत भरा रहेगा. मनोरंजन और यात्राओं पर जाने का मौका मिलेगा. कानूनी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी. शुभ समाचार प्राप्त होंगे. हनुमान जी को इत्र समर्पित करें, शनि से शुभ फल मिल सकते हैं.
वृषभ: इस राशि के लिए एकादश शनि रहेगा. आपके राशि स्वामी शुक्र से शनि की मित्रता है, जिसके कारण शनि वृष राशि को लाभ पहुंचाएगा. रुका हुआ कार्य बनने की संभावना है. विवाह योग्य लोगों को विवाह प्रस्ताव मिलेंगे. जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. कार्य की अधिकता रहेगी. व्यापार में नए समीकरण लाभदायक होंगे. राम नाम का जप करते रहें, परेशानियां दूर हो सकती हैं.
मिथुन: दशम शनि आपकी राशि के स्वामी बुध का मित्र है. यह ग्रह आपके लिए लाभदायक स्थितियां बनाएगा. समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ेगी. लाभ होने की संभावना है. विदेश यात्रा पर जाने की इच्छा रखने वालों की अड़चनें समाप्त होंगी. हनुमानजी को लाल वस्त्र चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें.
कर्क: शनि आपकी राशि के स्वामी चंद्र का शत्रु है, लेकिन शनि आपके लिए आने वाले समय में अनुकूल स्थितियां बनाएगा. सब कुछ ठीक होने के बाद भी अज्ञात भय बना रहेगा. मानसिक तनाव महसूस करेंगे. योजनाएं अज्ञात कारणों से बदलनी पड़ सकती हैं आपको निडर होकर काम करने की जरूरत है. शिव जी का पूजन शांति प्रदान करेगा। शिव जी को आंकड़े का पुष्प अर्पण करें.
सिंह: इस राशि पर शनि का ढैय्या शुरू हो गया है. अष्टम शनि आपकी राशि के स्वामी सूर्य से शत्रु भाव रखता है. शनि के कारण पुराने कार्यों में सुधार होगा, लेकिन नया कार्य या निवेश करने से बचना होगा। नए लोगों के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। आपके कार्यों को प्रशंसा मिलेगी. पदोन्नति मिलने के योग बने हैं. हनुमान जी को सुगंधित धूप अर्पण करें.
कन्या: सातवां शनि जो इस राशि के स्वामी बुध का मित्र है. अत: आपको अतिरिक्त परिश्रम नहीं करना पड़ेगा. कार्यों की बाधाएं दूर होंगी. प्रयत्नों में सफलता मिलेगी. वैवाहिक जीवन में सुख रहेगा. प्रेम संबंधों में सफलता प्राप्त होगी. हनुमान जी को चमेली के पुष्प अर्पण करें.
तुला: षष्ठम शनि आपकी राशि के स्वामी शुक्र के मित्र हैं. आपके लिए विशेष लाभ की स्थितियां बनेंगी. खोया हुआ सम्मान मिलेगा। पुराने रोगों से छुटकारा मिलेगा. आप परिवार के साथ प्रसन्नता पूर्वक समय व्यतीत करेंगे. कार्यस्थल पर आपकी उपयोगिता बढ़ेगी और शुभ प्रसंगों में शामिल होंगे. शिव जी को जल अर्पण करें.
वृश्चिक: पंचम शनि आपकी राशि के स्वामी मंगल के साथ शत्रुता रखता है. अत: सफलता तो मिलेगी, लेकिन परिश्रम अधिक करना होगा. कार्यों में अड़चनें आएंगी. शत्रुओं के प्रयास निष्फल करने होंगे. परिवार के साथ किसी धार्मिक यात्रा पर जाने का मौका मिल सकता हैं. बेरोजगारों को रोजगार की प्राप्ति होगी. गणेश जी को दूर्वा अर्पण करें.
धनु: शनि का ढैय्या रहेगा. आपकी राशि के स्वामी गुरु से शनि समभाव रखता है. शनि चतुर्थ रहेगा तथा शत्रु होने के बाद कई परेशानियों पर रोक लगाएगा. कोई ऐसा कार्य शुरु हो सकता है, जिसकी आपको कई दिनों से प्रतीक्षा थी. व्यापार में उन्नति होगी और विरोधियों की हार होगी. कोई निर्माण कार्य शुरु हो सकता है. हनुमान जी को रोज दीपक लगाएं.
मकर: मकर वालों के शनि राशि का स्वामी है. अप्रत्याशित सफलता मिलेगी. अटके हुए कार्य पूर्ण होंगे. मान- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी तथा धार्मिक कार्य में रुचि बढ़ेगी. हनुमान जी की अराधना करें.
कुंभ: शनि की उतरती साढ़ेसाती रहेगी. द्वितीय शनि आपकी राशि का स्वामी है ये कुछ परेशानियां कर सकते हैं.. कई अटके कार्यों में सफलता की प्राप्ति होगी. विवादित विषय में पक्ष मजबूत होगा. गरीबों को अन्न का दान करें एवं हनुमान जी का पूजन करें.
मीन: मीन राशी की शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा. साढ़ेसाती का पूर्ण प्रभाव रहेगा. शनि आपकी राशि के स्वामी गुरु से समभाव रखता है. फिर भी आपको सावधान रहना होगा। मामूली परेशानियों का सामना करना होगा. कार्यस्थल पर तनाव हो सकता है. अनजान लोगों पर भरोसा न करें. पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें.