एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में भाजपा सहित अन्य राष्ट्रीय दलों को कुल 2544.278 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले.
राजनीतिक दल चुनाव लड़ने और अन्य खर्च के लिए चंदे पर निर्भर रहते हैं. उन्हें कॉरपोरेट या व्यापारिक घरानों, ट्रस्टों और निजी व्यक्तियों से चंदे या योगदान के रूप में भारी मात्रा में धनराशि मिलती है. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29C के अनुसार राजनीतिक दलों को 100 प्रतिशत टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए किसी व्यक्ति या कंपनी से मिलने वाले 20,000 रुपये से अधिक के चंदे की जानकारी हर साल चुनाव आयोग (ECI) को देनी जरूरी है.
चुनाव की निगरानी करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को मिले 20,000 रुपये से अधिक के चंदे पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस राष्ट्रीय दलों में भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीईपी) शामिल हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय दलों को 20,000 रुपये से अधिक के कुल 12,547 दान मिले, जिनकी कुल राशि 2544.278 करोड़ रुपये थी, यानी राष्ट्रीय दलों को मिला प्रति दान औसतन 20.27 लाख रुपये है. भाजपा को सबसे अधिक 8,358 व्यक्तियों और कंपनियों से दान हुए, जबकि कांग्रेस को कुल 1994 दान प्राप्त हुए.

दान की संख्या मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) तीसरे नंबर पर रही और उसे कुल 1671 व्यक्तियों और कंपनियों से दान मिले. इसके बाद सीपीआईएम को 515 दान और एनपीईपी ने 9 दान प्राप्त हुए.
भाजपा द्वारा चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सत्ताधारी पार्टी को कुल 2243.947 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. कांग्रेस ने इसी अवधि में 281.48 करोड़ रुपये चंदा मिलने की घोषणा की. भाजपा को मिला चंदा कांग्रेस, AAP, CPIM और एनपीईपी द्वारा घोषित कुल दान से 6 गुना अधिक है. भाजपा को 2243.947 करोड़ रुपये चंदा मिला जबकि शेष दलों को कुल 300.331 करोड़ रुपये मिले. भाजपा को प्रति दान औसतन 26.84 लाख रुपये मिले और कांग्रेस को प्रति दान 14.11 लाख रुपये मिले.

बसपा की घोषणा के अनुसार, पार्टी को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला. बसपा पिछले 18 वर्षों से यही घोषणा करती आ रही है.
राष्ट्रीय दलों को मिले दान की पिछले वित्त वर्ष से तुलना
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान राष्ट्रीय दलों के कुल दान में 1693.84 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई, जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 से 199.17 प्रतिशत अधिक है. भाजपा को मिलने वाला दान वित्त वर्ष 2022-23 में 719.858 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 2,243.947 करोड़ रुपये हो गया. यानी भाजपा के चंदे में 211.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसी प्रकार, कांग्रेस को मिलने वाला दान वित्त वर्ष 2022-23 में 79.924 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 281.48 करोड़ रुपये हो गया, यानी कांग्रेस के दान में 252.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में, AAP द्वारा घोषित दान में 70.18 प्रतिशत या 26.038 करोड़ रुपये की कमी आई. इसी तरह, NPEP द्वारा घोषित दान में 98.02 प्रतिशत या 7.331 करोड़ रुपये की कमी आई.
राष्ट्रीय दलों को किस राज्य से कितना दान मिला
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली से राष्ट्रीय दलों को कुल 989.20 करोड़ रुपये का दान मिला. इसके बाद गुजरात से 404.512 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र से 334.079 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले. अमेरिका के एक व्यक्ति ने AAP को 7000 रुपये का चंदा दिया.
कॉर्पोरेट या व्यावसायिक क्षेत्रों से दानकर्ता बनाम व्यक्तिगत दानकर्ता
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कॉरपोरेट या व्यावसायिक क्षेत्रों से राष्ट्रीय दलों को 3755 दान प्राप्त हुए, जिनकी राशि 2262.5537 करोड़ रुपये (कुल दान का 88.9271 प्रतिशत) थी. वहीं, 8493 व्यक्तिगत दानकर्ताओं ने पार्टियों को 270.872 करोड़ रुपये दान दिए, जो कुल दान का 10.6463 प्रतिशत है.
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कॉरपोरेट या व्यावसायिक क्षेत्रों से भाजपा को 3478 दान (कुल राशि 2064.58 करोड़ रुपये) प्राप्त हुए, जबकि व्यक्तिगत दानकर्ताओं से 4628 दान (कुल राशि 169.126 करोड़ रुपये) मिले.
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कांग्रेस को कॉरपोरेट या व्यावसायिक क्षेत्रों से 102 दान के जरिये कुल 190.3263 करोड़ रुपये और व्यक्तिगत दानकर्ताओं से 1882 दान से 90.899 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.
भाजपा को वित्त वर्ष 2023-24 में अन्य सभी राष्ट्रीय दलों के मुकाबले कॉर्पोरेट दान के रूप में नौ गुना से अधिक राशि प्राप्त हुई. अन्य सभी राष्ट्रीय दलों को कॉर्पोरेट दान के रूप में कुल 197.9737 करोड़ रुपये मिले.
टॉप दानकर्ता
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट (Prudent Electoral Trust) ने भाजपा और कांग्रेस को मिलाकर कुल 880.0775 करोड़ रुपये का दान दिया, जो राजनीति दलों को चंदा देने वाला शीर्ष दानकर्ता है. ट्रस्ट ने भाजपा को 723.675 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल राशि का 32.25 प्रतिशत) और कांग्रेस को 156.4025 करोड़ रुपये (पार्टी को प्राप्त कुल राशि का 55.56 प्रतिशत) दान किए.
ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट (Triumph Electoral Trust) ने चार दान के जरिये भाजपा को 127.50 करोड़ रुपये दान किए और डेरिव इन्वेस्टमेंट (Derive Investments) ने भाजपा को 50 करोड़ रुपये और कांग्रेस को 3.20 करोड़ रुपये दान किए.
वित्त वर्ष 2023-24 में एक्मे सोलर एनर्जी (Acme Solar Energy) ने 5 दान के जरिये 51 करोड़ रुपये, भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने एक दान के रूप में 50 करोड़ रुपये, रूंगटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने एक दान से 50 करोड़ रुपये दान और दिनेश चंद्र आर. अग्रवाल इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड ने एक दान से 30 करोड़ रुपये भाजपा को दान किए.
अन्य जानकारी
तीन राष्ट्रीय दलों (कांग्रेस- 73.90 लाख रुपये, भाजपा- 51.70 लाख रुपये और सीपीआईएम- 33 लाख रुपये) ने 84 दानों से 1.586 करोड़ रुपये घोषित किए हैं, जिनमें पैन विवरण गायब या गलत हैं.
भाजपा ने 1384.602 करोड़ रुपये के 1564 दान घोषित किए, कांग्रेस को 244.571 करोड़ रुपये के 536 दान मिले. आप ने 5.325 करोड़ रुपये के 168 दान एकत्र किए. सीपीआईएम को 4.547 करोड़ रुपये के 286 दान मिले और एनपीईपी को 5 लाख रुपये का एक दान प्राप्त हुआ, जिसमें चेक/डीडी का विवरण अधूरा था.
पिछले 18 वर्षों की तरह बीएसपी ने फिर से घोषित किया है कि पार्टी को 20,000 रुपये से अधिक का कोई दान नहीं मिला.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट की वार्षिक रिपोर्ट और वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए भाजपा की योगदान रिपोर्ट की तुलना करने पर एडीआर ने पाया कि ट्रस्ट की रिपोर्ट में भाजपा को 723.785 करोड़ रुपये के 31 दान का योगदान घोषित किया गया है, जबकि पार्टी की रिपोर्ट में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 723.675 करोड़ रुपये के 30 दान घोषित किए गए हैं.
इसके अलावा, जयभारत इलेक्टोरल ट्रस्ट की वित्त वर्ष 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसने भाजपा को 5 करोड़ रुपये का दान दिया. हालांकि, इसी अवधि के लिए भाजपा की योगदान रिपोर्ट में इस योगदान का जिक्र नहीं है.