वाराणसी में होली पर ठंडाई पीने का अलग ही क्रेज है. भांग वाली ठंडाई लोग महादेव का प्रसाद मानकर पीते हैं.
वाराणसी: भगवान शिव की नगरी काशी की कई चीजें फेमस हैं. चाहे वह बनारसी पान हो, बनारसी साड़ी हो या बनारस की ठंडाई. यहां की ठंडाई की एक अलग पहचान है. होली में तो ठंडाई को लोग बाबा विश्वनाथ का प्रसाद समझ कर पीते हैं.
होली में ठंडाई पीने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. ऐसे में आज हम आपको बनारस की ठंडाई से रूबरू कराएंगे. बताएंगे कि इसे कैसे तैयार किया जाता है और बनारस में इसकी कितनी दीवानगी है.
बनारसी ठंडाई की दुनिया दीवानी: ठंडाई पीने वाले लोग बताते हैं, बनारस में ठंडाई मतलब महादेव का प्रसाद. मलाई के साथ हल्का भांग मिक्स कर तैयार किया जाता है.
यह स्वाद में बिल्कुल अलग होता है, ऐसी ड्रिंक कहीं और नहीं मिलती. इसके पीने से न सिर्फ शरीर का तापमान ठंडा रहता है, बल्कि सेहत भी अच्छी रहती है और मन भी खुश रहता है.
ग्राहकों का कहना है कि होली में ठंडाई के बगैर त्योहार फीका सा लगता है. हम जब भी होली का त्योहार मनाते हैं, तो बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद समझकर ठंडाई का सेवन जरूर करते हैं.
ऐसे तैयार होती है ठंडाई : बनारस में तो ठंडाई की दुकान हर जगह है, लेकिन गोदौलिया और चौक इलाके में मिलने वाली ठंडाई की अपनी अलग बात है. गोदौलिया में बीते कई दशक से ठंडाई की दुकान लगाने वाले बादल बताते हैं, बनारसी ठंडाई बिल्कुल एक अलग मिजाज को बनाती है.
कहते हैं की ठंडाई पीने से बंद अक्ल का ताला भी खुल जाता है और होली में तो इसकी दीवानगी बेहद रहती है. यह महादेव का प्रसाद होता है, जो होली के उत्साह को और भी बढ़ने का काम करता है.
उन्होंने बताया कि इसे बनाना बेहद आसान होता है. सबसे पहले सूखे मेवे, सौंफ और मलाई का मिक्स तैयार किया जाता है. उसमें मलाई और दूध डालकर मिलाया जाता है, जो लोग सादी ठंडाई लेना चाहते हैं दूध वाली ठंडाई का सेवन करते हैं.
जिन्हें बाबा के प्रसाद वाली ठंडाई चाहिए होती है वह भांग और मलाई मिलाकर इसका सेवन करते हैं. उन्होंने बताया कि देशी या विदेशी कोई भी व्यक्ति बनारस आता है तो ठंडाई का सेवन जरूर करता है. होली में इसकी खूब डिमांड होती है.
यह 40 से लेकर 150 रुपये तक होता है. यह शुद्ध इसलिए होता है, क्योंकि पूरी तरीके से ड्राई फ्रूट, मलाई भांग और दूध से तैयार होता है.
सेहत के लिए फायदेमंद : इसके वैज्ञानिक फायदे की बात करें, तो आयुर्वेद के डॉक्टर बताते हैं, ठंडाई धर्म के साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी खास है. इसमें जितनी भी सामग्री पड़ती है, वह सभी ठंडी सामग्रियां होती हैं. सिर पर गुलाल लगाने से शरीर का तापमान बढ़ जाता है, ठंडाई उसे कम करती है.
मस्तिष्क को शांत रखती है, जो आम जनमानस के सेहत के लिए लाभदायक होता है. इसलिए गर्मियों में खासकर होली पर ठंडाई का सेवन सभी लोग करते हैं.