झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. इसके दो सक्रिय सदस्यों ने सरेंडर कर दिया है. लातेहार पुलिस ने मंगलवार 15 अप्रैल को यह जानकारी दी है.
झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी को तगड़ा झटका लगा है. इसके दो सक्रिय सदस्यों ने सरेंडर कर दिया है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति (सरेंडर पॉलिसी) से प्रभावित होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में मंगलवार को भाकपा माओवादी के दो सक्रिय सदस्यों ने आत्मसमपर्ण कर दिया. इनमें अमरजीत उर्फ काली उर्फ सनि बृजिया(19 वर्ष) पिता बलराम बृजिया पुन्दाग एवं मिथिलेश उर्फ अखिलेश कोरवा (28 वर्ष) पिता जितन कोरवा चुनचुना पंचफेड़ी थाना सामरीपाठ जिला बलरामपुर (दोनों छत्तीसगढ़) शामिल हैं. पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित एक समारोह में एसपी गौरव और सीआरपीएफ 11 बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर ने दोनों माओवादियों को बुके और शॉल भेंट कर समाज की मुख्यधारा में लौटने पर बधाई दी.
माओवादी नक्सली संगठन हो गया है कमजोर-एसपी
लातेहार पुलिस अधीक्षक गौरव ने कहा कि क्षेत्र में माओवादी एवं अन्य उग्रवादी संगठन बहुत ही कमजोर हो गया है. पुलिस लगातार उन पर भारी पड़ रही है. कई शीर्ष माओवादी और उग्रवादी गिरफ्तार हो चुके हैं या पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गये हैं. शेष जो बचे हैं, उनका भी यही अंजाम होगा.
इनके दस्ते में सक्रिय थे दोनों माओवादी
पुलिस अधीक्षक गौरव ने बताया कि दोनों माओवादी रीजनल कमेटी के सदस्य और 15 लाख के इनामी माआवोदी छोटू खरवार उर्फ छोटू जी (अब मृत), 10 लाख के इनामी माओवादी प्रदीप सिंह चेरो और नीरज सिंह खरवार और वर्तमान में मृत्युजंय भुईयां उर्फ फ्रेश भुईयां उर्फ अवधेश जी के दस्ते में रहकर छिपादोहर, बारेसांढ़, महुआडांड़, नेतरहाट, बूढ़ा पहाड़ एवं उसके सीमावर्ती राज्य कुसमी, सिमरिया, सामरीपाठ (छत्तीसगढ़) में सक्रिय थे.
उग्रवादियों के खिलाफ लगातार चल रहा ऑपरेशन-सीआरपीएफ कमांडेंट
सीआरपीएफ कमांडेंट यादराम बुनकर ने कहा कि सीआरपीएफ लगातार माओवादी एवं अन्य उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रही है. अमरजीत के खिलाफ लातेहार जिले के छिपादोहर थाना में कांड संख्या 14/2020 और मिथिलेश पर भी छिपादोहर थाना कांड संख्या 14/2020 में मामला दर्ज है.