लातेहार: पिछले चार दिनों के अंदर जिले के अलग-अलग स्थान पर दो बड़ी घटनाएं घटी हैं. हथियारबंद लोगों के द्वारा दोनों घटनाओं को अंजाम दिया गया है. लेकिन दोनों घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों की कोई पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. हालांकि जिस अंदाज में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, वह अंदाज नक्सलियों वाला प्रतीत होता है. लेकिन पहचान छिपा कर गुमनाम अपराधियों की तरह इस प्रकार की घटना को अंजाम देने का मामला एक पहेली बन गई है.
दरअसल, 30 अप्रैल की देर रात अज्ञात हथियारबंद अपराधियों ने लातेहार जिले के महुआडांड़ थाना क्षेत्र में ओरसापाट गांव के पास धावा बोलकर दो गाड़ियों में आग लगा दी थी. वहीं, सड़क निर्माण कार्य के मुंशी मोहम्मद अयूब की गोली मारकर हत्या भी कर दी गई थी. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बावजूद किसी भी नक्सली संगठन अथवा अपराधी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. साथ ही किसी संगठन से संबंधित कोई पुख्ता सबूत भी नहीं मिल रहे हैं. जिससे पुलिस के द्वारा भी इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
इस मामले में पुलिस ने महुआडांड़ थाना में जो प्राथमिकी दर्ज की है, उस प्राथमिकी में भी किसी अज्ञात का नाम दिया गया है. हालांकि एक दूसरे मामले में सड़क निर्माण कार्य के संवेदक के आवेदन के आधार पर पुलिस ने नक्सली संगठन जेजेएमपी के सुप्रीमो के अलावे कुछ अन्य लोगों पर नाम पर संवेदक को धमकी देने से संबंधित प्राथमिकी दर्ज की है.
रविवार को हुई घटना भी बनी पहेली
इधर 4 मई को लातेहार जिले के चंदवा थाना अंतर्गत तुरीसोत गांव में एक बार फिर बड़ी हिंसक घटना को अंजाम दिया गया. यहां अज्ञात हथियारबंद लोगों ने 8 गाड़ियों को जला दिया है. सबसे आश्चर्य की बात है कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बावजूद किसी ने भी घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है. हालांकि जिस प्रकार यहां घटना को अंजाम दिया गया है, उससे प्रतीत होता है कि घटना किसी बड़े संगठित नक्सली संगठन के द्वारा ही की गई होगी. लेकिन किसी भी संगठन के द्वारा घटना की जिम्मेदारी नहीं लिए जाने के कारण पुलिस भी असमंजस में पड़ी हुई है.
अपराधी होते तो मचाते शोर
जानकारों का कहना है कि अगर कोई अपराधी संगठन इस प्रकार की घटना को अंजाम देता तो विभिन्न माध्यमों से वह इसका श्रेय भी लेने के लिए तत्पर रहता. क्योंकि अपराधी किसी भी घटना को अंजाम अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए ही करते हैं. कई बार ऐसा देखा गया है कि घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों के द्वारा विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जाता है कि उन्होंने ऐसे घटना को अंजाम दिया है.
चार दिनों के अंदर लातेहार जिले के जिन दो अलग-अलग स्थान पर हिंसक घटना घटी है, वह स्थान पूर्व में भी नक्सलियों का वर्चस्व वाला रहा है. काफी सुदूरवर्ती इलाका रहने के कारण यहां नक्सली कभी कभार अपने उपस्थिति भी दर्ज करते हैं. ओरसापाट का इलाका छत्तीसगढ़ का बॉर्डर इलाका है. यहां की विकट प्राकृतिक बनावट के कारण माओवादी नक्सली इस इलाके में भ्रमणशील रहते हैं. दूसरी ओर रविवार को जिस स्थान पर गाड़ियों में आग लगाई गई है. वह स्थान भी काफी सुदूर इलाका है.
पुलिस का दावा नक्सलियों ने ही दिया है घटना को अंजाम
नक्सली वर्तमान के दिनों में इसी प्रकार के सुदूर इलाके में किसी घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. सघन आबादी वाले इलाके में पुलिस की पकड़ मजबूत हुई है. सघन आबादी इलाके में अगर नक्सली किसी घटना को अंजाम देने का प्रयास भी करते हैं तो उनके लिए मुश्किल हो सकता है. हालांकि पुलिस का कहना है कि इस घटना को अंजाम नक्सली संगठन के द्वारा ही दिया गया है. पलामू डीआईजी वाई एस रमेश ने कहा कि जिस प्रकार घटना को अंजाम दिया गया है, उससे स्पष्ट है कि इसे नक्सलियों ने ही अंजाम दिया होगा. उन्होंने कहा कि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. जल्द ही मामले का खुलासा होगा.