Sunday, May 18, 2025

लातेहार के मनिका के बेलवाटांड़ स्थित आंगनबाड़ी सह नर्सरी स्कूल केंद्र भवन की हालत जर्जर हो गई है.

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लातेहार : आंगनबाड़ी केंद्रों को सुसज्जित बनाकर बच्चों को विकास के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की सरकार की योजना कई जगहों पर साकार होती नहीं दिख रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों का जर्जर भवन बच्चों के विकास की जगह उनके मन में भय पैदा कर रहा है. जिले के मनिका प्रखंड के बेलवाटांड़ स्थित आंगनबाड़ी सह नर्सरी स्कूल केंद्र भवन की स्थिति भी कुछ ऐसी ही हैं. यहां बैठना भी बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चे इसी जर्जर भवन में बैठकर पढ़ाई करते हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि बेलवाटांड़ गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भवन काफी पुराना और जर्जर हो चुका है. भवन की दीवारें भी काफी कमजोर हो चुकी हैं. छत का प्लास्टर आए दिन टूटकर गिरता रहता है. भवन कब गिर जाए कहा नहीं जा सकता. इसके बावजूद बच्चों की जान जोखिम में डालकर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है. संचालन अवधि में अगर कोई दुर्घटना होती है तो कई मासूम बच्चों की जान भी जोखिम में पड़ने की आशंका है.

इसके बावजूद विभाग द्वारा न तो आंगनबाड़ी केंद्र का रख-रखाव किया जा रहा है और न ही आंगनबाड़ी केंद्रों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर संचालित किया जा रहा है. यहां पेयजल का भी घोर संकट है. आंगनबाड़ी केंद्र में लगा सोलर जलमीनार भी बदहाल है. आंगनबाड़ी केंद्र भवन में न तो खिड़की बची है और न ही कोई दरवाजा. इस कारण यहां किसी भी प्रकार की सामग्री रखना भी खतरे से खाली नहीं है.

एक बार हो चुका है हादसा

इस संबंध में जब आंगनबाड़ी सेविका मीना कुमारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है, जहां बच्चों को ले जाकर बैठाया जा सके और पढ़ाया जा सके. मजबूरी में बच्चों को इसी जर्जर भवन में बैठकर पढ़ना पड़ता है. उन्होंने बताया कि एक बार छत का प्लास्टर गिरने से एक बच्चा घायल भी हो गया था. इसके बाद विभाग को इसकी सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद विभागीय कर्मी आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे और यहां से फोटो भी खींचे थे.

उन्होंने बताया कि फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र के उस हिस्से में बैठाया जाता है, जिसकी छत थोड़ी बेहतर है. उन्होंने कहा कि विभाग ने आश्वासन दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्र भवन की जल्द ही मरम्मत कर दी जाएगी. आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र में करीब 40 बच्चे आते हैं.

Belwatand Anganwadi

आंगनबाड़ी केंद्र के जर्जर भवन को जल्द कराया जाएगा दुरुस्त

इस बीच, इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अलका हेंब्रम ने बताया कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की सूची तैयार कर ली गई है, जो जर्जर स्थिति में हैं. जर्जर भवनों की मरम्मत की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. उन्होंने कहा कि जहां भी भवन की स्थिति ठीक नहीं है, उस भवन को जल्द ही सर्वसुविधायुक्त बना दिया जाएगा. समाज कल्याण पदाधिकारी ने यह भी बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है.

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