नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने टिकट बुकिंग में हो रही धांधली को रोकने के लिए बड़ा फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक रेलवे ने अपने आईआरसीटीसी पोर्टल में कुछ बदलाव किए हैं और आगे भी बदलाव करने का प्लान है. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि यूजर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद किसी भी यूजर्स को टिकट बुकिंग के समय कोई परेशानी नहीं होगी.
इस मामले पर रेलवे अधिकारी ने बताया कि अब कोई भी अनाधिकृत टिकट बुकिंग एजेंट भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों का उपयोग कर संभावित यात्री के लिए कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ाने के लिए एक साथ कई प्रयास नहीं कर सकेगा.
वहीं, आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि रेलवे टिकट बुकिंग प्रणाली में निष्पक्षता लाने की दिशा में एक बड़े कदम के तहत, IRCTC ने डिस्पोजेबल (लघु-अवधि) ईमेल पतों से बनाए गए ऐसे उपयोगकर्ता आईडी का पता लगाकर और उन्हें निष्क्रिय करके अनधिकृत टिकटिंग प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए AI-आधारित उन्नत तकनीकी समाधानों को तैनात किया है और सभी यात्रियों के लिए समान पहुंच सुनिश्चित की है.
तीन करोड़ से अधिक अकाउंट किए गए ब्लॉक
इस अधिकारी ने बताया कि आईआरसीटीसी ने पिछले एक साल में 3.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी ब्लॉक की है, जिससे इसके प्लेटफॉर्म पर सिस्टम की भीड़भाड़ काफी कम हो गई है. यह बताते हुए कि अनधिकृत एजेंट प्लेटफॉर्म का किस तरह से दुरुपयोग करते हैं, उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि A नाम का एक व्यक्ति दिल्ली से आगरा के लिए टिकट बुक करवाने के लिए किसी अनधिकृत एजेंट से संपर्क करता है. एजेंट IRCTC प्लेटफ़ॉर्म पर 30 प्रोफ़ाइल बनाने के लिए कई डिस्पोजेबल ईमेल आईडी (Google पर उपलब्ध डोमेन नामों का उपयोग करके) और मोबाइल नंबर का उपयोग करेगा. उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता आईडी या प्रोफ़ाइल निर्माण के दौरान, ईमेल आईडी पर एक OTP भेजा जाता है और एजेंट उस OTP का उपयोग करके इसकी प्रामाणिकता सत्यापित करता है.
अधिकारी ने आगे बताया कि हालांकि, प्रमाणीकरण के बाद, ईमेल आईडी अमान्य हो जाती है लेकिन प्रोफ़ाइल बनी रहती है. अब, ये अनधिकृत एजेंट A के लिए टिकट बुक करने के लिए ऐसे कई प्रोफ़ाइल का उपयोग करते हैं. इसलिए केवल A के लिए टिकट बुक करने की संभावना बढ़ाने के लिए 30 अनुरोध या प्रयास होते हैं. वे इस उद्देश्य के लिए बॉट्स (स्वचालित सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन जो दोहराए जाने वाले कार्य करते हैं) का भी उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि इन धोखाधड़ी के प्रयासों से निपटने के लिए, आईआरसीटीसी की नवीनतम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग आधारित बॉट डिटेक्शन तकनीक बुकिंग प्रणाली को बाधित करने से पहले ही ऐसे खातों की पहचान कर उन्हें निष्क्रिय कर देती है.
कंपनी ने कहा कि इस पहल के सकारात्मक परिणाम पहले ही सामने आ चुके हैं, IRCTC प्लेटफॉर्म पर नए यूजर आईडी बनाने की संख्या प्रतिदिन 60,000 से 65,000 से घटकर मात्र 10,000 से 12,000 रह गई है, जिससे सिस्टम लोड कम हुआ है और टिकट आरक्षण सुव्यवस्थित हुआ है. IRCTC अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम हर यात्री के लिए समान अवसर सुनिश्चित करता है, जिससे अनधिकृत एजेंटों को सिस्टम का फायदा उठाने से रोका जा सकता है.
वहीं, एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हाल के महीनों में ही 7,000 डिस्पोजेबल ईमेल आईडी ब्लॉक कर दिए गए हैं, जिससे टिकटिंग की अखंडता और मजबूत हुई है. उन्होंने कहा कि इस सफलता के साथ, IRCTC अपने डिजिटल बुनियादी ढांचे को परिष्कृत करना जारी रखता है, जिससे पूरे भारत में लाखों लोगों के लिए अधिक पारदर्शी, सुलभ और कुशल रेलवे बुकिंग अनुभव को बढ़ावा मिलता है.