डॉ राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से हटाए जाने के बाद से बवाल जारी है. कांग्रेस सरकार के कार्रवाई को सही बता रही है.
रांचीः रिम्स निदेशक के पद से असमय डॉ राजकुमार को हटाए जाने पर सियासत जारी है. रिम्स निदेशक के पद से डॉ राजकुमार को हटाए जाने का मामला मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी उठा.
जानकारी के मुताबिक प्रभारी के समक्ष बातें सामने आने के बाद कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी के ऊपर लग रहे आरोप की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने को कहा है. हालांकि इस संबंध में जब प्रदेश प्रभारी के राजू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह मामला सरकार का है सरकार किसे रखना चाहती है किसे हटाना चाहती है वो तय करेगी.
रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार के हटाए जाने पर विपक्ष के सवालों से घिरी कांग्रेस सफाई पर उतर आई है. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जल्दबाजी में उठाया गया यह कदम कहीं ना कहीं संदेह जाहिर करता है.
पार्टी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक के अनुसार जिस तरह से बर्खास्त रिम्स निदेशक ने आरोप लगाया है और सरकार के द्वारा कदम उठाया गया है, उससे जाहिर होता है कि दाल में कुछ काला है. सरकार को जनता को बताना चाहिए कि आखिर इतनी बड़ी कार्रवाई के पीछे वजह क्या है.
इधर विपक्ष के सवाल पर सफाई देने में जुटे कांग्रेस नेताओं का मानना है कि बर्खास्त रिम्स निदेशक लगातार सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे थे. कांग्रेस नेता आलोक दुबे कहते हैं कि पिछले दिनों रिम्स के शासी निकाय की बैठक के दौरान जिस तरह से विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह के साथ रिम्स निदेशक ने बर्ताव किया वह अनुशासनहीनता का परिचय देता है.
न्यायालय में याचिका दाखिल करने और उसके बाद मीडिया में लगातार बयान देकर डॉक्टर राजकुमार अनुशासनहीनता का परिचय दे रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री और सरकार ने जो फैसला लिया है, वह सही लिया है. रिम्स को कैसे चलाना है, वह सरकार निर्णय लेती है. क्योंकि वहां जिंदगी और मौत की बात होती है. ऐसे में लगातार डॉक्टर राजकुमार के बारे में असंवेदनशील होने की लोग शिकायत करते रहे हैं कई मौके पर मैंने भी यह महसूस किया है.