रांची: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आज रांची के यूनियन क्लब परिसर में उनकी लगभग आठ फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया गया. बांग्ला संस्कृति के अनुसार दोपहर के ठीक 12 बजे बंगाली महिलाओं द्वारा शंख की ध्वनि के बीच नेता जी की प्रतिमा का अनावरण किया गया.
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण ठीक 12 बजे करने के पीछे की वजह यह रही है और ऐसा माना जाता है कि ओडिशा के कटक में एक बंगाली हिन्दू परिवार में 23 जनवरी 1897 में उनका जन्म दोपहर 12 बजे हुआ था. इसलिए प्रतिमा का अनावरण भी दोपहर 12 बजे किया गया.
हर जगह नेता जी की है आर्मी वाले लिबास में प्रतिमा
हम जानते हैं कि सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा हर जगह आर्मी वाले लिबास में है, परंतु रांची में जो आज प्रतिमा अनावरित हुई है वह धोती-कुर्ता में है. यूनियन क्लब के सचिव श्वेतांक सेन ने बताया कि झारखंड और रांची से नेताजी का खास रिश्ता रहा है. रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा रविन्द्र भवन में लगाई जानी है, ऐसे में यूनियन क्लब के नेता जी की प्रतिमा लगाई गई है. उन्होंने बताया कि संभवतः पहली प्रतिमा होगी जिसमें नेता जी इस परिधान में हैं जिस परिधान में वह 1940 में रामगढ़ कांग्रेस अधिवेशन में शामिल हुए थे.
ऐसी प्रतिमा जिस पर ‘अल्ट्रावायलेट रे’ का नहीं होगा असर
आज यूनियन क्लब में नेता जी की पौने आठ फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण हुआ है, उस प्रतिमा को बनाने वाले मूर्तिकार अमिताभ मुखर्जी कहते हैं कि यह प्रतिमा अपने आप में इसलिए खास है क्योंकि यह फाइबर ग्लास से बनाई गई है और सूर्य की पराबैंगनी किरणों (अल्ट्रावायलेट रेज) का कोई असर इस पर नहीं होगा.
समझौता विहीन राजनीति करने वाले नेताजी हमारे प्रेरणा स्रोत- सुप्रियो भट्टाचार्य
आज नेता जी की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस हमारे प्रेरणा के स्रोत हैं. देश की आजादी के लिए उन्होंने समझौता विहीन राजनीति की. जाति-धर्म, वर्ग से ऊपर की सोच रखने वाले सुभाष चंद्र बोस की फौज में एक ही मेस हुआ करता था. झामुमो नेता ने कहा कि आज नेता जी के विचार ज्यादा प्रासंगिक हैं.