रांची: झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने शनिवार को रांची के बनहोरा जतरा मैदान में रांची जिला स्तरीय कृषि कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बनहोरा कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की का गांव भी है. दरअसल, मंत्री ने इससे पहले घोषणा की थी कि अब बड़े शहरों की जगह ग्रामीण और छोटे शहरों में भी किसान मेला और प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
किसान व्यवसायी बनें, मजदूर नहीं: शिल्पी नेहा तिर्की
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य के खेतिहर किसानों को अपनी भूमिका व्यवसायी के तौर पर निभानी होगी. वो खुद की जमीन पर उन्नत कृषि के सहारे लाखों का रोजगार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज सरकार प्रायोजित कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की कई योजनाएं ऐसी हैं, जो किसानों को बेहतर अवसर प्रदान कर रही हैं. बनहोरा मैदान में कृषि प्रदर्शनी के साथ-साथ विभाग की योजनाओं की जानकारी के लिए स्टॉल लगाए गए थे. गांव के लोगों को स्टॉल पर विभाग के द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं का लाभ लेने से संबंधित प्रक्रिया से अवगत कराया गया.
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने इस मौके पर कहा कि बहुत दुख के साथ कहना पड़ता है कि आज लोग खेती बाड़ी के बजाय, दूसरों के घर मजदूरी करना पसंद करते हैं. जबकि पहले जहां एक एकड़ में 25 हजार का मुनाफा किसानों को होता था, वहीं अब बदलते हुए तकनीक से उन्नत कृषि के साथ ये मुनाफा बढ़कर 1 लाख तक पहुंच गया है. इसके लिए सिर्फ सही फसल और कृषि की उन्नत विधि से किसानों को जुड़ने की जरूरत है.
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सरहुल आजीविका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी नामक एफपीओ का जिक्र करते हुए उसकी उपलब्धि को बताया है. एफपीओ का सालाना कारोबार 1 करोड़ रुपए के आसपास तक पहुंच गया है. ऐसा सामूहिक प्रयास और कड़ी मेहनत की बदौलत हो सका है. यही वजह है कि विभाग की तरफ सरहुल आजीविका को 15 लाख रुपए का ग्रांट दिया गया है. इस कृषि कर्मशाला में विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड के ग्रामीण शूकर पालन करते हैं. लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि झारखंड के शूकर की मांग पूरे देश भर में हैं. शूकर पालन के जरिए बेहतर मुनाफा और व्यापार किया जा सकता है.
पलायन से बचना है तो आधुनिक कृषि से जुड़ना होगा: बंधु तिर्की
कृषि कर्मशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि आज आपके गांव घर में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग खुद योजनाओं की सौगात लेकर पहुंची है. गांव के किसान विभाग की योजनाओं से जुड़कर कृषि के क्षेत्र में अपने भविष्य को संवार सकते हैं. पूर्व मंत्री ने कहा कि राज्य में अगर रोजगार के लिए पलायन से बचना है तो कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और सहकारिता से जुड़ना होगा. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग किसानों को आज के दिन हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रही है. लेकिन इसके लिए विभागीय प्रक्रिया को पूरा करना होगा और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए कृषि कर्मशाला का आयोजन किया गया है.
इस मौके पर मंच से मंत्री के हाथों सरहुल आजीविका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और सरई फुल महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी को 15-15 लाख का ग्रांट दिया गया. जबकि किसान समृद्धि योजना के तहत पुनीता खलखो और सुमन उरांव को योजना का लाभ दिया गया. मौके पर स्थानीय जन प्रतिनिधि नीलम तिर्की, आशा देवी, पुष्पा टोप्पो, रियाजुल के अलावा शिव कच्छप, दीपू सिन्हा, प्रकाश तिर्की, मुंतजिर खान, बेचू तिर्की, ललित कच्छप, सुका उरांव सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे.