Monday, March 10, 2025

रांची के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी के पूर्व कार्यकारी कुलपति पर ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाया है.

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DSPMU IN RANCHI

रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में वर्ष 2021-22 में विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रभारी कुलपति, विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी और रजिस्ट्रार द्वारा आपसी मिलीभगत कर नियमों की अनदेखी का आरोप लगा है. गलत तरीके से 60 करोड़ का सामान खरीद करने का आरोप राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने लगाया है.

अधिकार नहीं होने के बावजूद की 60 करोड़ की खरीदारी: राजेश गुप्ता


राजेश गुप्ता ने कहा कि DSPMU के कुलपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद कुलाधिपति द्वारा जिस व्यक्ति को अगले कुलपति की नियुक्ति तक प्रभारी कुलपति बनाया था, उन्हें समान खरीदने का अधिकार नहीं था. लेकिन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार और वित्त अधिकारी के साथ मिलीभगत कर तीन महीने में ही 60 करोड़ की खरीदी की. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने हरमू स्थित अपने प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी दी.

राजेश गुप्ता ने कहा कि मजेदार बात यह है कि विश्वविद्यालय के लिए फर्नीचर की खरीद अगरतला, ठाणे, मेरठ जैसे जगहों से की गई. जबकि पहले के कुलपति ने बाहर से टेंडर करने वालों का आवेदन रद्द कर दिए थे. राजेश गुप्ता ने कहा कि आरोपी निवर्तमान कुलपति राजभवन में बड़े पद पर अभी भी पदस्थापित हैं. उन्होंने कहा कि तत्कालीन कुलपति को पद से हटाने और घोटालों की जांच केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसी से कराने की मांग की है.

नामांकन में आरक्षण नियमों का पालन नहीं: राजेश गुप्ता

राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय एक सरकारी विश्वविद्यालय है. लेकिन यहां नियमों के विरुद्ध कई सीटों को पेड कर दिया गया है. यानी मेधा की जगह पैसा दो नामांकन पाओ की प्रक्रिया अपनाई जाती है. पेड सीट का कोई हिसाब विश्वविद्यालय के बजट बुक में नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां SC, ST, OBC और EWS के साथ भी नाइंसाफी हो रही है. उन्होंने घोटाले की पूरे कागजात के साथ जानकारी सरकार और कई जांच एजेंसियों को दी है और मांग की है कि नियमानुसार सभी आरोपियों पर कार्रवाई की जाए.

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