रांची: झारखंड सरकार ने रांची के कांके में राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के दूसरे फेज के निर्माण की कवायद शुरू कर दी है. लेकिन जमीन मापी की प्रक्रिया शुरू होते ही विवाद भी शुरू हो गया है. ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन को जमीन मापी नहीं करने दिया. प्रशासन का दावा है कि कांके में रिनपास के पीछे बिरसा एग्रीकल्चर की जमीन पर रिम्स पार्ट-2 का निर्माण होना है. लेकिन ग्रामीणों की दलील कुछ और ही है. लिहाजा, मापी स्थल पर दिनभर गतिरोध बना रहा.
किस बात को लेकर ग्रामीणों का है विरोध
ग्रामीणों ने यह कहते हुए मापी के कार्य को रुकवा दिया कि ना तो जमीन खाली करने को लेकर कोई मुआवजा दिया गया और ना ही नोटिस. प्रशासन जबरन जमीन को हड़पना चाह रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित जमीन के कागजात उनके पास मौजूद हैं. जबकि कांके अंचल के सीओ का कहना है कि जिस जमीन पर मापी हो रही है, वह बिरसा एग्रीकल्चर की है. इस दौरान स्थानीय पुलिस के सहयोग से ग्रामीणों को समझाने की पूरी कोशिश की गई. लेकिन ग्रामीण पीछे नहीं हटे. जवाब में ग्रामीणों ने संबंधित जमीन पर सरना झंडा गाड़ दिया.
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग ने 110 एकड़ में 1074 करोड़ की लागत से रिम्स-2 बनाने का फैसला लिया है. यहां मरीजों के लिए 700 बेड की सुविधा होगी. साथ ही यूजी की 100 और पीजी की 50 सीटों के लिए पढ़ाई होगी. स्वास्थ्य मंत्री की दलील थी कि रिम्स का भवन बहुत पुराना हो चुका है. इसलिए फेज-2 का निर्माण करना बेहद जरूरी है.
‘सरकार बिना पूछा हमारी जमीन लूटना चाह रही है. बिना कोई नोटिस दिए यहां पुलिस को भर दिया गया” – हरीश उरांव
“सरकार यहां रातों-रात जमीन की लूट मार के लिए बैठी है. सरकार जबरदस्ती जमीन लेकर खेत को बर्बाद करना चाह रही है. जमीन बचेगी तभी आदिवासी बचेंगे. लॉ यूनिवर्सिटी के लिए भी जमीन ली गई थी. उसके बदले किसी को फोर्थ ग्रेड की भी नौकरी नहीं मिली. पांच लोगों को झाड़ू-पोछा और शौचालय साफ करने के लिए रखा गया है.” – अजय टोप्पो