पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह उर्फ बलबीर सिंह की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता दिलाई है. 10 लाख के इनामी इस आतंकी को कोर्ट में पेश करने के बाद एनआईए चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई है. बलबीर सिंह नाभा जेल ब्रेक कांड समेत कई आतंकी साजिशों में शामिल रहा है.
बिहार के मोतिहारी जिले से गिरफ्तार खालिस्तानी आतंकी कश्मीर सिंह गलवड्डी उर्फ बलबीर सिंह को सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद एनआईए की टीम चार दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली ले गई. यह वही आतंकी है, जो पंजाब के चर्चित नाभा जेल ब्रेक कांड में शामिल था और लंबे समय से फरार चल रहा था. पूछताछ में बलबीर सिंह ने अपनी संलिप्तता बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) और खालिस्तानी आतंकी रिंदा के नेटवर्क से होने की बात कबूली है
एनआईए के मुताबिक, बलबीर सिंह नेपाल में बब्बर खालसा और रिंदा के नेटवर्क को मजबूत कर रहा था. वह वहां आम आदमी के वेश में घूम-घूम कर कपड़ा बेचता था, ताकि उसकी पहचान छुपी रहे. जांच में सामने आया कि नेपाल में उसके नाम से छह से अधिक बैंक अकाउंट हैं, जिनमें करोड़ों की संदिग्ध फंडिंग हुई है. यही नहीं, उसने नेपाल में अपने गुप्त नेटवर्क के जरिए युवाओं को संगठन से जोड़ने का काम भी किया.
नेपाल की ओर जाने के दौरान हुआ गिरफ्तार
मोतिहारी में वह किसी खास मकसद से आया था. जैसे ही वह नेपाल जाने के लिए रक्सौल बॉर्डर की ओर बढ़ा, एनआईए और स्थानीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में उसे धर दबोचा गया. एजेंसियों को पहले से इनपुट था कि वह आम नागरिक की तरह साधारण कपड़ों में, बिना कोई संदिग्ध सामान के, सड़क के रास्ते नेपाल पार करने की योजना बना रहा है.
10 लाख रुपये का इनाम था घोषित
एनआईए ने पिछले साल बलबीर सिंह पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. वह देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों और साजिशों में वांछित था. नाभा जेल ब्रेक के बाद से ही वह फरार चल रहा था और नेपाल में रहकर खालिस्तानी आतंकियों के लिए काम कर रहा था.
एनआईए और अन्य एजेंसियों ने उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी है. डीएनए, फंडिंग सोर्स और नेटवर्क विस्तार की दिशा में अब कार्रवाई तेज होगी. सूत्रों के मुताबिक, उसकी गिरफ्तारी से खालिस्तानी नेटवर्क की कई परतें खुलने की उम्मीद है.
