बिहार की राजनीति में बड़ा फेरबदल, साहेबगंज से विधायक राजू सिंह को नीतीश कैबिनेट में मंत्री पद मिला. व्यवसायी से राजनेता बने राजू सिंह का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. जानिए कैसे उन्होंने कई पार्टियां बदलते हुए सत्ता में अपनी मजबूत पकड़ बनाई
बिहार की राजनीति में लगातार सुर्खियों में रहने वाले साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजू कुमार सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शाम 4 बजे अपने कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं, जिसमें सात नए विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है. अब यह स्पष्ट हो चुका है कि राजू सिंह को भी मंत्री पद मिलने जा रहा है.
राजू कुमार सिंह का जन्म 12 जनवरी 1970 को मुजफ्फरपुर जिले के पारू थाना क्षेत्र के आनंदपुर खरौनी गांव में हुआ था. मूल रूप से वे पारू प्रखंड के बड़ा दाउद गांव के निवासी हैं. राजू सिंह राजपूत जाति से आते हैं. वे सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि व्यवसाय और उद्योग जगत में भी एक बड़ा नाम हैं.
राजनीतिक सफर: व्यवसायी से विधायक तक का सफर
उनका राजनीतिक सफर 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर साहेबगंज से विधायक बनने के साथ शुरू हुआ. उसी वर्ष अक्टूबर में हुए दोबारा चुनाव में उन्होंने जदयू का दामन थामा और फिर से विधायक बने. इसके बाद 2010 में भी वे जदयू के टिकट पर जीत दर्ज कर लगातार तीसरी बार विधायक बने. 2015 में उन्होंने जदयू छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की और चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए.
इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में वे विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के टिकट पर साहेबगंज से चुनाव लड़े और जीत हासिल की. हालांकि, बाद में उन्होंने मुकेश सहनी की पार्टी VIP छोड़ भाजपा में शामिल हो गए.
सत्ता में बढ़ता कद और मंत्री पद तक
बिहार में हो रहे मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अब अटकलों की कोई गुंजाइश नहीं बची है. यह स्पष्ट हो चुका है कि राजू सिंह को मंत्री बनाया जा रहा है. भाजपा के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाने वाले राजू सिंह पार्टी की ओर से कई अहम राजनीतिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं. उनके मंत्री बनने से उनके राजनीतिक करियर को एक नया मुकाम मिलेगा.
विवादों से भी रहा है नाता
राजू सिंह का नाम सिर्फ राजनीति तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि वे कई विवादों में भी घिरे रहे हैं. 2018 में दिल्ली के एक फार्महाउस में हुए हर्ष फायरिंग के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी, जिसमें उनका नाम आया था. इस मामले में 2023 में दिल्ली की अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय किए थे. इसके अलावा, उन पर हत्या के प्रयास, आपराधिक धमकी और दंगे जैसे गंभीर आरोपों में भी मामले दर्ज हैं.
राजू सिंह बिहार के एक मजबूत और प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. चार बार विधायक रह चुके राजू सिंह का राजनीतिक करियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है, लेकिन उनकी लोकप्रियता में कभी कमी नहीं आई. अब जब बिहार में नई कैबिनेट के विस्तार की प्रक्रिया पूरी हो रही है, तो उनके मंत्री बनने की पुष्टि हो चुकी है.