Monday, April 7, 2025

महंगा हुआ पेट्रोल-डीजल, LPG सिलेंडर के भी बढ़े दाम , जानें कितना हुआ इजाफा?

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केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों की एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की है. संशोधित उत्पाद शुल्क 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा.

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों की एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की है. वहीं, रसोई गैस की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई थी.

राजस्व विभाग की अधिसूचना के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. अधिसूचना में कहा गया है कि संशोधित उत्पाद शुल्क 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा. आदेश के अनुसार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है.

क्या है आदेश ?
आदेश में कहा गया है कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम 1944 की धारा 5A और वित्त अधिनियम 2002 की धारा 147 के दायरे में केंद्र सरकार द्वारा जनहित में शुल्क में वृद्धि की गई है. इंडस्ट्री सूत्रों ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि हालांकि, उत्पाद शुल्क में वृद्धि की गई है, लेकिन वैश्विक तेल कीमतों में गिरावट के कारण खुदरा कीमतों में वृद्धि की संभावना नहीं है.

कितना महंगा हुआ गैस सिलेंडर?
वहीं, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को डिस्ट्रीब्यूट कंपनियों की ओर से रसोई गैस या LPG की कीमत में 50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी किए जाने का ऐलान किया. बढ़ी हुई कीमतें उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले सिलेंडर पर लागू होंगी.

‘खुदरा कीमतों में वृद्धि की संभावना नहीं’
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक्स पर पोस्ट किया, “PSU ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने सूचित किया है कि आज उत्पाद शुल्क दरों में वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी.”

क्या है एक्स्पर्ट की राय?
इस संबंध में एनर्जी एक्सपर्ट्स नरेंद्र तनेजा ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्पाद शुल्क बढ़ोतरी से आम उपभोक्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने बताया, “उत्पाद शुल्क तेल मार्केटिंग कंपनियों पर लगाया जाता है, सीधे उपभोक्ताओं पर नहीं. चूंकि हाल ही में वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट आई है, इसलिए इन कंपनियों को नुकसान नहीं हो रहा है. सरकार इसे जनता पर बोझ डाले बिना अपने राजस्व को संतुलित करने के अवसर के रूप में देखती है.”

तनेजा ने इसे न्यूनतम राजकोषीय बदलाव बताया और कहा कि यह निश्चित उत्पाद शुल्क होगा – पेट्रोल के मोर्चे पर 13 रुपये और डीजल पर 10 रुपये सस्ता – बाजार में उतार-चढ़ाव से किसी भी नतीजे के बिना.

उन्होंने आगे कहा, ‘यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य सब्सिडी सहित सरकारी कल्याणकारी पहल जारी रहेंगी और अंततः फर्मों द्वारा अवशोषित की जाएंगी.’ इसे मूल रूप से राजस्व को न खोने के लिए एक सामरिक कदम के रूप में देखा जाता है जो हाल की अवधि के दौरान अर्जित होता जब ईंधन की कीमतें स्थिर और कम हो जातीं.

बता दें कि 14 मार्च, 2025 को भारत ने ईंधन के भुगतान के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार कटौती की थी, जो कि मई 2022 से प्रभावी होने वाले लंबे समय तक कीमतों में वृद्धि न करने के बाद लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर की गई थी. इसके बाद उत्पाद शुल्क में दो बड़ी कटौती की गई, जिससे पेट्रोल 13 और डीजल 16 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया था.

सोमवार की घोषणा ने राजनीतिक और वित्तीय हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं मिली हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में प्रमुख इंडियन ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई. रिलायंस इंडस्ट्रीज 2.80 प्रतिश गिरकर 1,170.95 रुपयेपर, इंडियन ऑयल 1.65 प्रतिशत गिरकर 128 रुपये पर, हिंदुस्तान पेट्रोलियम 2.75 प्रतिशत गिरकर 348.20 रुपये पर, भारत पेट्रोलियम 1.34 प्रतिशत गिरकर 275.65 रुपये पर आ गया.

इस बीच कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि उसने आम लोगों की कीमत पर लाभ उठाया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “मई 2014 से कच्चे तेल की कीमतों में 41 फीसदी की गिरावट आई है, फिर भी इसका लाभ नागरिकों को देने के बजाय सरकार उत्पाद शुल्क बढ़ाती जा रही है.”

raises excise duty on petrol and diesel

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