Wednesday, May 21, 2025

भारत-नेपाल बॉर्डर पर चार बांग्लादेशी गिरफ्तार

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नेपाल बॉर्डर से भारत में अवैध रूप से घुसते वक्त किशनगंज जिले के ठाकुरगंज क्षेत्र में SSB और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एक बांग्लादेशी परिवार पकड़ा गया. महिला के पास भारतीय आधार कार्ड मिला, जिससे फर्जी दस्तावेज़ों के इस्तेमाल की आशंका गहराती जा रही है.

बिहार के किशनगंज ज़िले के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र में सोमवार देर शाम बड़ी कार्रवाई हुई. SSB की 19वीं बटालियन और सुखानी थाना पुलिस की संयुक्त गश्ती टीम ने कादो गांव बाज़ार के पास चार संदिग्ध लोगों को भारत में अवैध रूप से घुसते हुए पकड़ा. ये सभी नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल हो रहे थे.

नेपाल के रास्ते भारत में घुसे, सीमा पर ही हुए काबू

गश्ती दल ने जब नेपाल की ओर से आ रहे इन चारों संदिग्धों को रोका, तो पूछताछ में उनका हावभाव और जवाब संदिग्ध लगे. गहन तलाशी और कड़ाई से पूछताछ में इनमें से एक पुरुष ने अपना नाम सफीकुल इस्लाम, पिता बादशाह मियां, उम्र लगभग 32 वर्ष बताया और खुद को बांग्लादेश का नागरिक बताया.

महिला के पास निकला भारतीय आधार कार्ड, पहचान पर उठे सवाल

महिला ने अपना नाम परी खातून, उम्र करीब 25 वर्ष बताया. हैरानी की बात यह रही कि उसके पास भारतीय आधार कार्ड (संख्या: 804580308462) मौजूद था, जिसमें पिता का नाम भी सफीकुल इस्लाम दर्ज था. पुलिस को शक है कि यह आधार कार्ड फर्जी हो सकता है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

मासूम बच्चों को साथ लाकर सीमा पार करने की साजिश

इन दोनों के साथ दो छोटे बच्चे भी थे एक का नाम आकाश (उम्र लगभग साढ़े तीन साल) और दूसरे का नाम सागर (उम्र लगभग पांच महीने) बताया गया है. बच्चों के साथ सफर कर रहे इन लोगों को देखकर शुरुआत में शक नहीं हुआ, लेकिन दस्तावेज़ जांच और पूछताछ में घुसपैठ की सच्चाई सामने आ गई.

तलाशी में मिला मोबाइल, आधार कार्ड जब्त

सफीकुल के पास से एक मोबाइल फोन और कपड़े से भरा बैग बरामद किया गया है. परी खातून के पास से मिला आधार कार्ड जब्त कर लिया गया है. पुलिस इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजेगी ताकि उसकी वैधता की पुष्टि की जा सके.

अवैध घुसपैठ का नया पैटर्न? पुलिस की जांच गहराई में

ठाकुरगंज पुलिस अब यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर इन लोगों को भारत में किसने बुलाया था, उनका संपर्क यहां किससे था और क्या वे किसी स्लीपर मॉड्यूल या अवैध नेटवर्क से जुड़े हैं? पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि परी खातून को भारतीय दस्तावेज कैसे मिले और क्या इसमें किसी स्थानीय व्यक्ति की मिलीभगत है.

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