मुंबई: भारतीय रेलवे 3 फरवरी को विद्युतीकरण की 100वीं वर्षगांठ मनाएगा. इसमें भारतीय रेलवे द्वारा हरित रेल प्रणाली की दिशा में उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला जाएगा. केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी स्वप्निल नीला ने इसकी जानकारी दी है.
भारत में पहली विद्युत रेलगाड़ी 3 फरवरी, 1925 को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (जिसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था) के प्लेटफार्म 2 से मुम्बई के कुर्ला तक चली थी. रेलवे ने 16 अप्रैल, 1853 को पहली भारतीय रेलगाड़ी शुरू होने के मात्र 72 वर्ष बाद विद्युतीकरण शुरू किया था.
सीपीआरओ ने एएनआई को बताया, ‘पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (तब विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था) से कुर्ला के बीच चली थी. ये विशेष ट्रेन ईएमयू ट्रेन का रूप था. इसे प्लेटफॉर्म नंबर 2 से चलाया गया था और यह एक नई पहल थी. समय के हिसाब से हरित बदलाव के रूप में अब मध्य रेलवे और भारतीय रेलवे इस विद्युतीकरण के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है.’
विद्युतीकरण की शुरुआत के शताब्दी समारोह मनाने के अलावा, मध्य रेलवे ने 100 प्रतिशत विद्युतीकरण भी पूरा कर लिया है. सीपीआरओ ने कहा, ‘इस विशेष अवधि में मध्य रेलवे ने अपना 100 फीसदी विद्युतीकरण भी पूरा कर लिया है. इसे देखते हुए समारोह का आयोजन किया जाएगा जो 3 फरवरी से शुरू होगा.’
शताब्दी वर्ष मनाने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिसमें दौड़, कई सेमिनार और 3डी शो शामिल हैं. सुबह दौड़ से लेकर कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है. इसके बाद एक औपचारिक स्मरणोत्सव होगा और उसी दिन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर तकनीकी और अन्य सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
जनसंपर्क अधिकारी ने नियोजित कार्यक्रमों के बारे में बताया, ‘इसके बाद हम विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन जारी रखेंगे. इनमें प्रक्षेपण और शो शामिल हैं. मध्य रेलवे ने स्कूली बच्चों के साथ विभिन्न सत्रों की भी योजना बनाई है, ताकि उन्हें रेलवे का इतिहास और विरासत दिखाई जा सके.