रांची: झामुमो के केंद्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के पैतृक आवास रामगढ़ के नेमरा में “बाहा पर्व” की पारिवारिक पूजा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ-साथ पूर्व विधायक सह भाजपा नेता सीता सोरेन भी शामिल हुई थीं. सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन के “बाहा पर्व” में शिरकत करने के बाद राज्य की राजनीति में उनकी फिर से झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होने के कयास तेज हो गए हैं.
कई भाजपाई शामिल होना चाहते हैं झामुमो मेंः मनोज पांडेय
इन कयासों के बीच झामुमो के एक केंद्रीय प्रवक्ता ने यह बयान देकर राज्य की राजनीति को गरमा दिया है कि सीता भाभी तो सोरेन परिवार की बहू हैं. उन्होंने कहा कि और भी कई भाजपा नेता हैं जिन्होंने झामुमो की सदस्यता लेने के लिए आवेदन दे रखा है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडेय यह भी कहते हैं कि भाजपा के जो भी नेता झामुमो की सदस्यता लेना चाहते हैं, उस पर अगले महीने पार्टी के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन में उनके नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन द्वारा फैसला लिया जाएगा.
सीता सोरेन का बाहा पर्व में शामिल होना सामान्य बात
एक तरफ झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता ने कई भाजपा नेताओं के जेएमएम में शामिल होने के लिए आवेदन देने की बात कह कर राजनीति को हवा दे दी तो दूसरी ओर हेमंत सोरेन के पैतृक गांव नेमरा में सोरेन परिवार के पारिवारिक पूजा में सीता सोरेन के भाग लेने को सामान्य बात बताते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई परिवारिक पूजा होती है तो उसमें परिवार के सभी सदस्य भाग लेते हैं. पूर्व विधायक का भी पूजा में भाग लेना सामान्य बात है. इस मामले को राजनीति या उनकी घर वापसी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
शिगूफा न छोड़ें झामुमो के नेताः प्रदीप सिन्हा
भाजपा के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा झामुमो में शामिल होने के लिए आवेदन दिए जाने के झामुमो प्रवक्ता के दावे पर पलटवार करते हुए झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर झारखंड मुक्ति मोर्चा देर क्यों कर रहा है और हमें क्यों बता रहा है. झामुमो शिगूफा छोड़ने का काम बंद कर जल्द अपनी मुहिम को आगे बढ़ाएं. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हमारे दल के कार्यकर्ता और नेता न सिर्फ समर्पित हैं, बल्कि वचनबद्ध होते हैं. हमारे कार्यकर्ता और नेता संकुचित मानसिकता वाले ऐसे क्षेत्रीय दल में शामिल नहीं हो सकते.प्रदीप सिन्हा ने कहा कि झामुमो नेता हमारे नेताओं के बीच कन्फ्यूजन पैदा करना चाहते हैं,जिसमें वह सफल नहीं होंगे.
सीता सोरेन की घर वापसी के कयास
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले विधायिकी और झामुमो से त्यागपत्र देकर शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. भाजपा ने भी दुमका लोकसभा सीट से अपने पूर्व घोषित उम्मीदवार को बदल कर सीता सोरेन को उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह लोकसभा चुनाव हार गयीं. उसके बाद भाजपा ने उन्हें जामताड़ा से विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था, यहां भी सीता सोरेन को पराजय का सामना करना पड़ा. तब सीता सोरेन के बयानों में हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन और झामुमो को लेकर आक्रमकता और तीखापन दिखता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से सीता सोरेन का रुख वर्तमान सरकार और मुख्यमंत्री के प्रति नरम हुआ है.
ऐसे में राज्य की राजनीति में रह-रह कर उनकी घर वापसी के कयास लगते रहे हैं तो झामुमो के सूत्रों की माने तो पार्टी का एक खेमा नहीं चाहता कि अब सीता सोरेन कि वापसी झामुमो में हो.ऐसे में 14-15 अप्रैल को रांची में होने वाले झामुमो के 13वें केंद्रीय महाधिवेशन तक का इंतजार करना होगा.