Saturday, April 26, 2025

बोकारो के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में चलीं 3500 राउंड गोलियां, 1 करोड़ का इनामी नक्सली ढेर

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बोकारो में डाकाबेड़ा ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। नक्सलियों द्वारा शुरू की गई गोलीबारी के जवाब में सुरक्षा बलों ने 1800 से अधिक राउंड गोलियां चलाईं जिसमें आठ नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में अरविंद यादव भी शामिल है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

,बोकारो। बीते सोमवार को ऑपरेशन डाकाबेड़ा में जांबाज सुरक्षा बल के जवान और अधिकारियों ने नक्सलियों की गोलियों की बरसात के बीच अपने को बचाते हुए 1858 राउंड गोलियां दागी थीं।

नक्सलियों की ओर से पहले फायरिंग शुरू हुई थी। बड़े पत्थरों के पीछे छिपकर नक्सली सुरक्षा बलों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे थे। 1500 से अधिक गोलियां नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के पर दागी।

जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों की ओर से लगभग 45 की संख्या में एके-47 राइफलों के अलावा एक एलएमजी, आधा दर्जन के लगभग इंसास राइफल से नक्सलियों पर गोलियां दागी। सुरक्षा बलों ने एक हैंड ग्रेनेड भी इन पर फेंका। चार यूबीजीएल का गोला भी इन पर दागा गया।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों की टीम की अगुवाई कर रहे सीआरपीएफ की एक टीम के उप कमांडेंट अंजनी और इनके सहयोगियों की गोलियों से सबसे पहले एक करोड़ का इनामी नक्सली प्रयाग के साथ इसका सहयोगी साहेबराम मांझी मारा गया था।

नक्सली संगठन के थिंक टैंक कहे जाने वाले प्रयाग के पास से पुलिस ने एक लोडेड सिक्सर को बरामद किया। वहीं, साहेबराम के पास इंसास राइफल थी। 25 हजार के इनामी नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश एसएलआर लिया था। यह लगातार फायरिंग कर रहा था।

इसके पास से 120 राउंड जिंदा गोली और दो मैगजीन भी पुलिस को मिली। मारी गई दो महिला नक्सलियों के पास से इंसास राइफल मिला। बताया जा रहा है कि यह दोनों इसी से फायरिंग कर रही थीं। इस हमले में आठ नक्सली मारे गए थे और शेष मौके से फरार हो गए थे।

फरार दस नक्सलियों की पुलिस ने पहचान की है। आठ मृत और दस फरार नक्सलियों पर पुलिस ने प्राथमिकी कर जांच शुरू कर दी है। प्रयाग के अलावा अरविंद, साहेबराम, गंगाराम, महेश, तालो दी, महेश मांझी, और रंजू मांझी मारे गए थे।

इन नक्सलियों पर हुई है एफआईआर

पुलिस ने मारे गए और मौके से भागे 18 नक्सलियों की पहचान कर प्राथमिकी की। इनमें प्रयाग मांझी के अलावा साहेबराम मांझी, अरविंद यादव, रामखेलावन गंझू उर्फ छोटा बिरसेन, अनुज महतो उर्फ सुभाष महतो उर्फ सहदेव महतो हैं।

वहीं, गिरिडीह का रहने वाला चंचल उर्फ रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ द बिरसेन उर्फ हेमलाल हेम्ब्रम उर्फ करना, कुंवर मांझी उर्फ सहदेव मांझी, फुलचंद्र मांझी उर्फ राजू, विनोद हांसदा, गंगा उर्फ लंगड़ा, महेश, चंचल दी, राजू, महेश तुनीलाल, रंजू, अमन दा, सुनील, दयानंद उर्फ फलटुस कुमार हैं।

इनके साथ दस-बारह अज्ञात नक्सलियों के भी इस मुठभेड़ में शामिल होने का संदेह केस करने वाले आईईएल थाना के सब इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने जताया है।

एसपी के आदेश पर इस केस का अनुसंधान बेरमो एसडीपीओ बीएन सिंह को सौंपा गया है। दर्ज हुई प्राथमिकी में बताया गया है कि नक्सलियों को सरेंडर करने को भी कहा गया लेकिन वह फायरिंग करते रहे।

दोनों ओर से चार घंटे तक हुई गोलीबारी में लगभग 3500 राउंड गोलियां चलीं। सुरक्षा बलों की ओर से 1500 से अधिक फायरिंग हुई। नक्सलियों ने पहले फायरिंग शुरू की थी। जवाबी कार्रवाई में आठ मारे गए। जो भागे हैं उन्हें दबोचने के लिए छापेमारी व सर्च अभियान चल रहा है। – मनोज स्वर्गियारी, एसपी बोकारो।

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