बिहार में साइबर ठगों का नया खेल सामने आया है. परीक्षा में फेल होने का डर दिखाकर अभिभावकों से ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. आरोपित फर्जी कॉल कर रिजल्ट बदलने का झांसा देते थे और मोटी रकम वसूलते थे. पुलिस ने चार ठगों को गिरफ्तार किया है.
बिहार के नालंदा पुलिस ने एक ऐसे साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो मैट्रिक और इंटर परीक्षा देने वाले छात्रों के माता-पिता को कॉल कर उन्हें फेल कराने का डर दिखाकर ठगी करता था. पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे. ये ठग पहले छात्रों की गोपनीय जानकारी इकट्ठा करते थे और फिर उनके अभिभावकों को कॉल कर डराने-धमकाने के बाद पैसे वसूलते थे.
कैसे करते थे ठगी?
साइबर थाना प्रभारी डीएसपी ज्योति शंकर के मुताबिक, गिरोह के सदस्य पहले उन छात्रों का डेटा जुटाते थे, जिन्होंने मैट्रिक या इंटर की परीक्षा दी थी. इसके बाद वे उनके अभिभावकों को फोन कर यह कहते थे कि उनके बच्चे परीक्षा में फेल हो सकते हैं. ठग यह दावा करते थे कि वे रिजल्ट में बदलाव करा सकते हैं या फिर परीक्षा में पास कराने के लिए मदद कर सकते हैं. इसके बदले वे अभिभावकों से मोटी रकम वसूलते थे.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमन कुमार, शिशुपाल कुमार, विश्वकर्मा कुमार और राजीव कुमार के रूप में हुई है. पुलिस ने इनके पास से कई मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल ये ठगी के लिए करते थे.
शिकायतों के बाद पुलिस ने बिछाया जाल
गिरोह के खिलाफ कई अभिभावकों ने साइबर पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराई थीं. पुलिस ने जब इन शिकायतों की जांच शुरू की और फोन नंबरों की सत्यता का पता लगाया, तो इस ठगी का पूरा खेल उजागर हो गया. इसके बाद साइबर पुलिस ने जाल बिछाकर इन चारों ठगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह का नेटवर्क कितना बड़ा है और इसमें और कौन-कौन लोग शामिल हैं.
पुलिस ने दी चेतावनी सतर्क रहें
साइबर थाना प्रभारी डीएसपी ज्योति शंकर ने कहा कि परीक्षा के नतीजे पूरी तरह पारदर्शी होते हैं और किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा उनमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता. उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे इस तरह के किसी भी फर्जी कॉल पर भरोसा न करें और अगर कोई पैसे मांगता है तो तुरंत साइबर थाना या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं.