Thursday, January 23, 2025

बेंगलुरु में अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में शामिल हुईं मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, कहा- मोटे अनाज को बढ़ावा देना भविष्य की जरूर

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रांचीः जैविक खेती और श्री अन्न (मोटे अनाज) को बढ़ावा देने के लिए कर्नाटक सरकार ने 23 से 25 जनवरी तक बेंगलुरु में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला का आयोजन किया है. गुरुवार को मेला का उद्घाटन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया. उद्घाटन कार्यक्रम में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार , झारखंड की कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की सहित देश भर के कई गणमान्य लोग शामिल हुए.

झारखंड के स्टॉल का उद्घाटन किया

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में झारखंड के स्टॉल का उद्घाटन कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किया . इस मौके पर विभागीय सचिव अबुबकर सिद्दीकी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे. मेले के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए झारखंड की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने आयोजन के लिए कर्नाटक सरकार की सराहना की.

झारखंड और कर्नाटक के बीच कई समानताः मंत्री

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि झारखंड और कर्नाटक के बीच कई तरह की समानताएं हैं .मिलेट की बात करें तो दोनों राज्य में समानता खास तौर पर देखने को मिलेगी.उन्होंने कहा कि पौराणिक काल से ही झारखंड और कर्नाटक में मिलेट के उत्पादन और उपयोग की परंपरा रही है. मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि अभी भी आदिवासी समाज मिलेट की खेती से जुड़े हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही मुझे इस बात का भी गर्व है कि मैं आदिवासी समाज के उरांव जाति से आती हूं और मिलेट हमारे भोजन का मुख्य अनाज है.

मिलेट के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी

उन्होंने कहा कि मिलेट को एक समय में गरीबों का भोजन कहा जाता था, लेकिन कई वजहों से आज लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है. अब लोग इसकी जानकारी भी ले रहे हैं और इसे बड़े चाव से खा भी रहे हैं . पूरे देश में झारखंड और कर्नाटक ऐसे दो राज्य हैं जो बड़ी मात्रा में मिलेट का उपयोग कर रहे हैं . कृषि मंत्री ने कहा कि बदलते समय में चावल और गेहूं को भी मुख्य आहार के रूप में लोगों ने अपनाया है. वैसे हमारे स्वास्थ्य और मौसम के लिहाज से मोटा अनाज ज्यादा फायदेमंद है . इसको आसानी से लगाया जा सकता है . चावल और गेहूं की तुलना में अब देश की सरकारों ने मोटे अनाज को बढ़ावा देना शुरू किया है .

मिलेट की खेती के लिए प्रोत्साहन की जरूरत

मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने उम्मीद जताई कि झारखंड और कर्नाटक की सरकार मिल कर ऐसे किसानों को सहयोग कर सकती हैं जो मोटे अनाज की खेती से जुड़े हैं . उन्होंने कहा कि झारखंड में मिलेट पॉलिसी के तहत किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.मोटा अनाज के लिए किसानों को बाजार उपलब्ध कराने में यह मेला कारगर साबित होगा. उन्होंने कहा कि झारखंड मिलेट मिशन के तहत किसानों को 03 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है . वैसे एफपीओ को प्रोत्साहित किया जा रहा है जो मोटा अनाज की खेती से जुड़े हैं . इस मिशन की सफलता में आईसीएआर, आईएमआर, स्टेट यूनिवर्सिटी की बड़ी भूमिका रहेगी .

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि गुमला में मडुआ की खेती पर हावर्ड यूनिवर्सिटी केस स्टडी कर रहा है . पहले इसे गरीब किसान के साथ जोड़कर देखा जाता था. अब जहां मोटे अनाज की खेती हो रही है ऐसे जिले कुपोषण से लड़ने में मददगार साबित हो रहे हैं. इस मुहिम को राज्य स्तर से ऊपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जरूरत है.

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