बिहार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड में दोषी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी ने उम्रकैद पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है और उम्रकैद को बरकरार रखा है.
बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में दोषी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने बृजबिहारी हत्याकांड के दोषी पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सजा को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज भी कर दिया है.
शीर्ष न्यायालय ने पुनर्विचार से किया इनकार
बता दें कि साल 1998 में हुए बृज बिहारी हत्याकांड में आरोपी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी की उम्रकैद की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने साल 2024 में बरकरार रखी थी. इसके बाद उम्रकैद की सजा पर फिर से विचार करने की याचिका के साथ इन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोर्ट ने याचिका पर फिर से विचार करने से इनकार कर दिया है. शीर्ष न्यायालय ने पिछले 6 मई के फैसले में कहा कि पुनर्विचार का कोई केस नहीं बनता.
कैसे हुई थी पूर्व मंत्री की हत्या?
बता दें कि साल 1998 में बिहार के दिग्गज नेता बृजबिहारी प्रसाद की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसी के साथ वो इंजीनियरिंग एडमिशन घोटाले में आरोपी थे और उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था. गिरफ्तारी के बाद ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद इलाज के लिए उन्हें पटना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके बाद अस्पताल में ही टहलने के दौरान उन पर हमला हो गया था और गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी.
हाईकोर्ट ने किया था बरी
बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के बाद इस मामले में बिहार के बाहुबली सूरजभान सिंह और मुन्ना शुक्ला समेत 8 आरोपियों को साल 2009 में निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. फिर साल 2014 में पटना हाईकोर्ट ने सभी को बरी करने का बड़ा फैसला सुनाया था. इसके बाद बृज बिहार प्रसाद की पत्नी रमा देवी और केंद्रीय सीबीआई ने आरोपियों को बरी करने का फैसला सुनाए जाने के बाद सबूत इकट्ठे किए थे. इसके बाद आरोपियों को बरी करने के सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेश को चुनौती दी गई थी.