पटना। शिक्षा विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ दूसरे सात विभागों के लिए सरकार ने करीब पांच हजार नए पद सृजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। महत्वपूर्ण यह है कि घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने राज्य के सभी 38 जिले में संरक्षण पदाधिकारी नियुक्त करने का निर्णय लिया है।
बिहार सरकार ने शिक्षा नगर विकास समेत सात विभागों में लगभग पांच हजार नए पद सृजित किए हैं। घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी जिलों में संरक्षण पदाधिकारी नियुक्त होंगे। बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं मेंटेनेंस नीति 2025 को स्वीकृति दी गई है। हवाई जहाज परिचालन को बढ़ावा देने के लिए वायुयान ईंधन पर वैट दर घटाई गई है।
इसके साथ ही महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 के बेहतर कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए समाज कल्याण विभाग के अधीन महिला एवं बाल विकास निगम के अधीन निगम मुख्यालय, जिला अनुमंडल स्तर पर 362 यानी कुल 390 संरक्षण पदाधिकारी नियुक्त होंगे। जिनका काम महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षित रखना होगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव स्वीकृति दी गई। आज की बैठक में कुल 47 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए। बैठक में बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं मेंटेनेंस नीति 2025 को भी स्वीकृति दी गई।
4863 पदों पर जल्द शुरू होगी नियुक्यिां
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि आज की बैठक में जिन 4863 पद सूजन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है उनमें अकेले बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली-2025 के तहत सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी के 935 पद एवं शिक्षा विकास पदाधिकारी 568 पद कुल 1503 नए पद सृजित किए गए हैं।
शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम में विभिन्न कोटि के 818 पदों तथा बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् में 63 पद सृजित किए गए हैं।
सरकारी विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों एवं कार्यालयों की भूमि का सत्यापन, भूमि के विवरण का संकलन एवं संरक्षण तथा विभाग के अन्य विकासात्मक गतिविधियों के क्रियान्वयन को समय पर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए संविदा के आधार पर 3 (तीन) वर्षों के लिए भू-संपदा पदाधिकारी के दो और सहायक भू-संपदा अधिकारी के 38 पद सृजित किए गए हैं। समाज कल्याण विभाग में 390 संरक्षण पदाधिकारी के पद सृजित किए गए हैं।
सात आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के लिए 1350 पद सृजित
इसके अलावा, शहरी आयोजना तथा विकास नियमावली, 2014 के प्रविधानों के आलोक में सात आयोजना क्षेत्र प्राधिकार (बोधगया, गया, राजगीर, बिहारशरीफ, आरा, मुजफ्फरपुर एवं सहरसा) के कार्यालय संचालन के लिए 1350 पद सजित किए गए हैं। इसके अलावा जीविका समूह के बने बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ के लिए 653 पद सृजन की स्वीकृति दी गई है।
बीपीएससी के अधीन आशुलिपिक के 15 (पंद्रह) पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार के लिए पांच नए प्रशाखाओं का सृजन और संचालन के लिए के लिएु बिहार सचिवालय सेवा के अवर सचिव के एक पद, प्रशाखा पदाधिकारी के पांच पद एवं सहायक प्रशाखा पदाधिकारी के 22 पद कुल 28 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
वहीं, पथ निर्माण विभाग के भूमि, भवन एवं अन्य संसाधनों की मॉनिटरिंग के लिए भू-संपदा अफसर का एक पद और राज्यपाल सचिवालय के लिए चालक का दो पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
छोटे व बड़े पुलों के साथ मेगा ब्रिज का नियमित होगा रखरखाव
राज्य में नीतीश सरकार के कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग ने 3968 बड़े और छोटे पुलों का निर्माण किया है। इनमें मेगा ब्रिज, मेजर ब्रिज और फ्लाई ओवर की संख्या 532 है। इन पुलों के प्रबंधन और इनके नियमित रखरखाव के लिए सरकार ने बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं मेंटेनेंस नीति 2025 तैयार की है। इस नीति को मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में स्वीकृत दी गई।
वायुयान ईंधन की वैट दर में कटौती
मंत्रिमंडल ने राज्य में हवाई जहाज परिचालन को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर संपर्कता को बढ़वा देने के उद्देश्य से वायुयान ईंधन (एविएशन टरबाइन फ्यूल) पर लगने वाले वैट की दरों को एक प्रतिशत पर यथावत रखते हुए अन्य मामलों में एविएशन टरबाइन फ्यूल की बिक्री पर वैट की दरों को 29 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
सरकार ने यह निर्णय पड़ोसी प्रदेश प्रदेश, झारखंड, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में लागू दरों के अध्ययन के बाद लिया है। सरकार के इस निर्णय से पटना समेत राज्य के अन्य शहरों में वायुयान का परिचालन बढ़ेगा और क्षेत्रीय संपर्कता को बढ़ावा मिलेगा। हवाई जहाज के किराए में भी गिरावट की संभावना व्यक्त की गई है।
अमृत योजना के तहत छह शहरों में जलापूर्ति और सीवरेज के कार्य होंगे
मंत्रिमंडल ने अमृत योजना- 2 के तहत छह शहरों में जलापूर्ति और सीवरेज के कार्य कराने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। योजना के अंतर्गत सासाराम में जलापूर्ति योजना के लिए 76.44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। आरा शहर में जलापूर्ति के लिए 138.26 करोड़, सिवान में जलापूर्ति के लिए 113.28 करोड़ स्वीकृत किए हैं, जबकि सिवान में ही 128 किमी सीवरेज नेटवर्क का काम होगा। इसके लिए 367 करोड रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
राशि से चार पंपिंग स्टेशन बनेंगे और इसके बाद 25 वार्डो के 29,555 घरों को इस नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। औरंगाबाद में 196 किमी सीवरेज नेटवर्क बनेगा। जिसके लिए 497 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। राशि से आठ पंपिंग स्टेशन बनेंगे और 30 वार्डो के 24 हजार घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
इसी प्रकार सासाराम में 455 करोड़ से 205 किमी का सीवरेज नेटवर्क बनाया जाएगा। जिससे से जिले के 22 वार्डो के 33,525 घरों को इस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।