बिहार सरकार अब भ्रष्टाचार और सरकारी कामकाज में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी विभागों को स्पष्ट चेतावनी दी है कि जो भी अधिकारी अपने कार्य में लापरवाही बरतते हुए या भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कठोर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
पटना. बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर किसी अधिकारी का वीडियो या कोई अन्य आपत्तिजनक सामग्री सोशल मीडिया पर वायरल होती है, तो उस पर त्वरित और ठोस कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) यानी मानक संचालन प्रक्रिया बनाई जाएगी. इस कार्य की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई है, जो एक स्पष्ट नियमावली तैयार करेगा, ताकि इस तरह की स्थितियों में तेजी से और पारदर्शी कार्रवाई हो सके. इस फैसले के बाद विभिन्न सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है.
अफसरों में खौफ पैदा करना चाहती है सरकार
मुख्य सचिव की ओर से सभी विभागों के सचिवों और अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में साफ तौर पर कहा गया कि राज्य सरकार अब लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है. सरकार की मंशा है कि ऐसे तत्वों में कानूनी और विभागीय कार्रवाई का डर कायम हो ताकि वे सरकारी दायित्वों को गंभीरता से निभाएं. मुख्य सचिव ने सभी विभागों से यह भी कहा है कि वे अपने-अपने विभागों में चल रहे लंबित मुकदमों की गहन समीक्षा करें और उनका जल्द से जल्द निपटारा सुनिश्चित करें. यह देखा जाए कि मुकदमे किस वजह से लंबित हैं और उन्हें निपटाने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं.
केंद्रीय योजना की राशि का पूरा उपयोग जरूरी
मीणा ने निर्देश दिया कि विभाग केंद्र सरकार से प्राप्त योजनागत राशि का पूरा उपयोग करें. कई बार राशि समय पर खर्च नहीं होने से वह लैप्स हो जाती है, जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं. इसलिए सभी विभाग सुनिश्चित करें कि योजना मद में मिली राशि को समय पर और सही उद्देश्य के लिए खर्च किया जाए. मुख्य सचिव ने सभी विभागों को ऊर्जा खपत का ऑडिट कराने का भी निर्देश दिया है. सरकारी भवनों और कार्यालयों में अनावश्यक बिजली खर्च को रोकने के लिए एलईडी बल्बों के उपयोग को अनिवार्य बनाने पर जोर दिया गया है. सरकारी अस्पतालों, स्कूलों और अन्य संस्थानों में भी ऊर्जा ऑडिट कराया जाएगा ताकि हीटिंग और कूलिंग सिस्टम का प्रभावी इस्तेमाल हो सके और बिजली की अनावश्यक बर्बादी रोकी जा सके.