Saturday, May 31, 2025

 बिहार में बदल जाएगी असिस्टेंट प्रोफेसरों के नियुक्ति की प्रक्रिया, अब इस आधार पर होगा चयन

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बिहार में अब विश्वविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मुख्य रूप से लिखित परीक्षा के आधार पर होगी. 2,500 से अधिक पदों पर भर्ती की तैयारी है. नई नियमावली राजभवन की स्वीकृति के बाद लागू की जाएगी. पात्रता में यूजीसी नेट या पीएचडी अनिवार्य होगी. पढ़ें पूरी खबर…

 बिहार सरकार शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी दिशा में शिक्षा विभाग ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया में अहम बदलाव का निर्णय लिया है. अब राज्य के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों का चयन मुख्य रूप से लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा. नई प्रस्तावित नियमावली के अनुसार, लिखित परीक्षा को 80 प्रतिशत वेटेज मिलेगा, जबकि साक्षात्कार और कार्य अनुभव को 10-10 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे. यह बदलाव नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है

2,500 से अधिक पदों पर होगी नियुक्ति

शिक्षा विभाग ने अगस्त माह तक 2,500 से अधिक सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की तैयारियाँ जोरों पर हैं. वर्तमान प्रणाली में चयन मुख्य रूप से शैक्षणिक योग्यता और साक्षात्कार के आधार पर होता था, लेकिन अब लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी जाएगी. इससे योग्य और मेधावी अभ्यर्थियों को उचित अवसर मिल सकेगा.

राजभवन की स्वीकृति के बाद होगी नई व्यवस्था लागू

नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव से संबंधित प्रस्ताव को राजभवन भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार, जल्द ही राज्यपाल की ओर से इस परिनियम को स्वीकृति मिल सकती है. जैसे ही मंजूरी मिलेगी, नई नियमावली को औपचारिक रूप से लागू कर दिया जाएगा. इससे विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तेजी से आरंभ की जा सकेगी.

आरक्षण रोस्टर के अनुसार होगा चयन

शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों से कोटिवार आरक्षण के तहत रिक्त पदों की जानकारी मांगी है. रोस्टर क्लीयरेंस के साथ प्राप्त सूचियों के आधार पर नियुक्ति की जाएगी. सरकार की योजना है कि विधानसभा चुनाव से पहले इन सभी रिक्तियों को प्रकाशित कर दिया जाए ताकि समय पर नियुक्ति हो सके और शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके.

पीएचडी या यूजीसी नेट अनिवार्य

नई प्रणाली में उम्मीदवारों का चयन बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग (BSUSC) के माध्यम से किया जाएगा. पात्रता के लिए उम्मीदवार के पास संबंधित विषय में यूजीसी-नेट, बीईटी या पीएचडी की डिग्री होना आवश्यक है. साथ ही, अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष रखी गई है. जिन उम्मीदवारों को शिक्षण का अनुभव है, उन्हें अधिकतम 5 वर्षों तक हर वर्ष के लिए दो अंक, कुल 10 अंक तक का लाभ मिलेगा.

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