Sunday, May 25, 2025

बिहार में बदलेगा स्कूलों का अटेंडेंस सिस्टम, गर्मी की छुट्टी के बाद अब हर छात्र को करना होगा ये काम

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छुट्टी के बाद बिहार के सरकारी स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति अब बायोमेट्रिक सिस्टम से दर्ज होगी. हाजिरी के साथ छात्र की फोटो भी ली जाएगी, ताकि वास्तविक उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके और स्कूलों में अनुशासन बना रहे.

बिहार के सरकारी स्कूलों में अब छात्रों की उपस्थिति को लेकर बड़ी सख्ती बरती जाएगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को ‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम के दौरान घोषणा की कि गर्मी की छुट्टियों के बाद छात्रों की हाजिरी बायोमेट्रिक सिस्टम से ली जाएगी, और वह भी उनकी फोटो के साथ. इससे बच्चों की वास्तविक उपस्थिति पर सटीक निगरानी रखी जा सकेगी.

कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों पर होगी सख्त कार्रवाई

डॉ. सिद्धार्थ ने स्पष्ट किया कि सरकारी शिक्षक कोचिंग में नहीं पढ़ा सकेंगे. अगर कोई शिक्षक ऐसा करता पाया गया तो कार्रवाई तय है. इसी तरह उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल के समय में बच्चे किसी भी हालत में कोचिंग सेंटर नहीं जायेंगे. शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध स्कूल उपस्थिति को जरूरी बताया गया.

सेवापुष्टि में देरी पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी

कार्यक्रम के दौरान जब एक सवाल में यह मुद्दा उठाया गया कि पिछले पांच वर्षों से कई शिक्षकों की सेवापुष्टि लंबित है, तो इस पर डॉ. सिद्धार्थ ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद है.” अगर किसी कर्मी या अधिकारी की लापरवाही से यह कार्य रुका है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले एक सप्ताह में सेवापुष्टि की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.

समर कैंप में स्थानीय कलाकारों की होगी भागीदारी

शिक्षा विभाग ने स्कूलों में समर कैंप चलाने की घोषणा की है. इसमें म्यूजिक, आर्ट, ड्रामा और क्राफ्ट की कक्षाएं संचालित होंगी, जिनमें स्थानीय कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा. इन्हें इसके लिए सम्मानजनक सहयोग राशि भी दी जाएगी. यह पहल छात्रों के रचनात्मक विकास को गति देगी.

शिक्षकों को गणित और रीडिंग की विशेष ट्रेनिंग

सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिए शिक्षकों को गणित और रीडिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि इससे शिक्षकों की दक्षता बढ़ेगी और वे छात्रों को बेहतर तरीके से समझाने और याद कराने में सक्षम होंगे.

उर्दू माध्यम के छात्रों के लिए विशेष निर्देश

जिन स्कूलों में उर्दू माध्यम की पढ़ाई होती है, वहां परीक्षा के दौरान छात्रों को उर्दू भाषा में प्रश्नपत्र देने के निर्देश भी दिए गए हैं. इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि भाषा बाधा बनकर छात्रों की प्रगति में अड़चन न बने

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