इस साल बिहार में मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है. मौसम विभाग के अनुसार, 13 से 15 जून के बीच पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते मानसून के पहुंचने की संभावना है. वहीं, अप्रैल-मई में हो रही बारिश की वजह प्री-मानसून गतिविधियां और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त हवाएं हैं.
इस साल बिहार में मानसून समय से पहले पहुंच सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, केरल में मानसून की आमद 27 मई तक हो सकती है, जो सामान्य समय (1 जून) से चार दिन पहले है. ऐसे में बिहार में भी 13 से 15 जून के बीच मानसून की एंट्री की संभावना जताई गई है. मानसून पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते प्रदेश में दस्तक देगा.
पिछले साल बिहार में 20 जून को मानसून पहुंचा था और 28 जून तक पूरे राज्य में इसका असर दिखने लगा था. हालांकि 2024 में मानसून सीजन में राज्य में औसतन 20% कम बारिश दर्ज की गई. जहां सामान्य बारिश 992.2 मिमी होती है, वहीं बीते साल सिर्फ 798.3 मिमी बारिश हुई.
प्री-मानसून बारिश के पीछे ये हैं मुख्य कारण
इन दिनों बिहार के कई जिलों में हो रही लगातार बारिश और आंधी की मुख्य वजह प्री-मानसून गतिविधियां हैं. बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त पूर्वी हवाएं और कुछ अन्य मौसमी कारक इस बदलाव की वजह बने हुए हैं.
साइक्लोनिक सर्कुलेशन: उत्तर और पूर्वी बिहार के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है, जो बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवाओं को खींच रहा है. इससे बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं.
पश्चिमी विक्षोभ: हालांकि पश्चिमी विक्षोभ का असर बिहार में सीमित है, लेकिन यह स्थानीय मौसम को अस्थिर कर रहा है, जिससे गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है.
पूर्वी हवाओं का असर: बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं बिहार में नमी बढ़ा रही हैं, जिससे बादल बनते हैं और बारिश की स्थिति बनती है.
स्थानीय मौसमी अस्थिरता: मई महीने में अधिक तापमान और 60–80% तक की नमी के चलते स्थानीय बादल बनते हैं, जिससे बारिश और ठनका गिरने की संभावना रहती है.
मौसम विभाग ने दी सावधानी बरतने की सलाह
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक उत्तर और पूर्वी बिहार के जिलों में अलर्ट रहने की सलाह दी है. लोगों से अपील की गई है कि वे खराब मौसम के दौरान घरों में ही रहें, बिजली के खंभों, पेड़ों और जलाशयों से दूर रहें. साथ ही प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है.