बिहार के शहरी निकाय क्षेत्रों में रहने वाले करीब 6 लाख परिवारों के लिए बड़ी खुशखबरी आ गई है. उन्हें अपना घर मिल सकता है. राज्य सरकार ने कमर कस ली है और केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. वर्तमान में पीएम आवास योजना-1 के तहत एक लाख घरों का निर्माण कार्य चल रहा है.
बिहार के लिए साल 2025 चुनावी साल है और ऐसे में बिहारवासियों के लिए कई तरह की पहल राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है. ऐसे में बिहार के शहरी निकाय क्षेत्रों में रहने वाले करीब 6 लाख परिवारों के लिए बेहद ही खास खबर आ गई है. सरकार की ओर से उन्हें बड़ी खुशखबरी मिल गई है. दरअसल, अगले पांच सालों में उनके ‘सपनों का आशियाना’ मिल सकेगा. खबर की माने तो, बिहार सरकार की ओर से खास पहल की गई है. इसे लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसके तहत शहरी निकायों में गरीबों के लिए एक लाख अतिरिक्त आवास की मांग की गई है.
बिहार के लिए रखा गया लक्ष्य
बता दें कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक बिहार के कई लोग लाभ उठा चुके हैं. ऐसे में बिहार की ओर से इस बार लक्ष्य तय किया गया है. जानकारी के मुताबिक, पांच लाख शहरी गरीबों को पांच साल में आवास देने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें दो लाख पक्के आवास को स्वीकृति मिल चुकी है. हालांकि, पीएम आवास योजना-2 को लेकर जब सर्वे कराया गया तो अभी ही शहरी गरीबों की संख्या बढ़ गई है. जो आवेदन दिए गए हैं, वह 5 लाख के पार चली गई है, जिसका सत्यापन कराया जा रहा है. बता दें कि, नगर विकास विभाग की ओर से शहरी निकायों के सभी वार्डो में गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है.
फिलहाल एक लाख घरों का निर्माण कार्य
इधर, उम्मीद लगाई जा रही है कि, आवेदनों की संख्या बढ़ सकती है. इस पर मुख्य सचिव स्तर से समीक्षा के अतिरिक्त आवास का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है. हालांकि, केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद ही अगले करीब 5 सालों के बाद बिहार के शहरी निकायों को छह लाख आवास मिल सकेंगे. वहीं दूसरी तरफ, बिहार में फिलहाल प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना-1 के तहत एक लाख घरों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे इसी साल यानी कि, 2025 के दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. पहले चरण के लिए कुल 2 लाख 64 हजार 604 आवास मंजूरी किए गए हैं. तो वहीं, इसमें से एक लाख 56 हजार 550 आवास का निर्माण पूरा हो चुका है.