नेपाल से बिहार आयी एक बच्ची दलालों के हाथों में पड़ गयी और उसे रेड लाइट एरिया पहुंचा दिया गया. बच्ची को दो बार बेचा गया. पांच साल से उससे जिस्मफरोशी का धंधा करवाया जाता रहा. पुलिस ने बच्ची को बरामद किया है.
नेपाल की एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की को बिहार पुलिस ने देह-व्यापार के दलदल से बाहर निकाला है. सहरसा पुलिस के पास पीड़िता ने डायल 112 को फोन करके यह सूचना दी थी कि उसे जबरन कैद में रखकर देह-व्यापार करवाया जा रहा है. पुलिस ने फौरन एक्शन लिया और छापेमारी करके एक मकान से नाबालिग बच्ची को मुक्त करा लिया. बच्ची को देह व्यापार की दलदल में धकेलने वाले एक बिचौलिया सिकंदर नट उर्फ सिराज नट पुलिस के हत्थे चढ़ा है. वहीं बच्ची ने पुलिस को पूरी कहानी बतायी है कि वो इस दलदल में कैसे फंसी.
मकान में छिपाकर रखी गयी थी बच्ची, पुलिस ने दलाल को दबोचा
एएसटीयू डीएसपी कमलेश्वरी सिंह ने इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस को डायल 112 पर बच्ची ने सूचना दी थी कि उससे जबरन मारपीट करके देह व्यापार कराया जाता है. दलालों ने उसे एक मकान में छिपाकर रखा है. जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी की और नाबालिग बच्ची को उस घर से बरामद कर लिया. उस मकान को पुलिस ने सील कर दिया. एक बिचौलिया सिकंदर नट उर्फ सिराज नट गिरफ्तार हुआ है.
पटना जंक्शन पर परिवार से बिछड़ी, दलाल ने रेड लाइट एरिया पहुंचा दिया
पीड़ित बच्ची ने पुलिस को बताया कि वह चार से पांच साल पहले अपने माता पिता के साथ पटना आई थी. ट्रेन में चढ़ने के दौरान पटना जंक्शन पर वो अपने परिवार से बिछड़ गयी. जिसके बाद वो स्टेशन पर ही रोने लगी थी. इस दौरान एक युवक आया और मदद करने का लोभ देकर उसको सीतामढ़ी ले गया. उसे बताया कि घर में झाडू-पोछा का काम लगवा देगा. लेकिन वहां रेड लाइट एरिया लेकर चला गया और बिचौलिया मो. लाडला के हाथों उसको बेच दिया.
दो साल तक देह धंधा कराकर दलाल ने ससुर के पास बेचा
पीड़ित बच्ची ने पुलिस को बताया कि बिचौलिया मो. लाडला उससे दो साल तक मारपीट करके जबरन देह धंधा कराता रहा. उसके बाद उसने भारतीय नगर स्थित रेड लाइट इलाका निवासी अपने ससुर सिकंदर नट उर्फ सिराज नट के हाथों उसे बेच दिया.
4 साल से बच्ची से करवाया जा रहा जिस्म का कारोबार
बच्ची ने बताया कि करीब चार वर्षों से देह व्यापार उससे करवाया जा रहा है. उसे मौका मिला तो पुलिस को फोन कर पायी और बचकर बाहर आयी. पुलिस ने बच्ची को महिला हेल्पलाइन को सुपुर्द कर दिया. वहीं नेपाल पुलिस से मदद ली जा रही है ताकि बच्ची के घर का पता चल सके.
