दरभंगा जिले में SSP ने कई पुलिस अधिकारियों पर लापरवाही के चलते कार्रवाई की है। रिश्वत लेने आरोपियों की मदद करने जैसे आरोपों के बावजूद सुधार नहीं दिख रहा। एक दारोगा को इंस्पेक्टर से फिर दारोगा बनाया गया और तुरंत विभागीय कार्रवाई हुई। विभाग का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा पर सुधार की कमी चिंताजनक है। कई थानाध्यक्ष और दारोगा निलंबित हुए हैं।
दरभंगा। दरभंगा जिले के एक दर्जन से अधिक पुलिस पदाधिकारियों पर लापरवाही और कर्तव्यहीनता को लेकर एसएसपी कार्रवाई कर चुके हैं। बावजूद, पुलिस पदाधिकारियों में सुधार नहीं हो रहा है। लगातार रिश्वत लेने, आरोपित को मदद करने, कार्य में लापरवाही बरतने, शराब धंधेबाजों से सांठ-गांठ आदि की शिकायत मिल रही है। बावजूद, पुलिस पदाधिकारियों में कार्रवाई का खौफ नहीं दिख रहा।
एक दारोगा तो विभाग की आंख में धूल झोंककर इंस्पेक्टर तक बन गए, जिन्हें विभाग ने जांच के बाद फिर से दारोगा बना दिया, लेकिन इसके दूसरे दिन ही गुरुवार को आरोपित को मदद करने के आरोप में इंस्पेक्टर से दारोगा बने राज कुमार मंडल पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई।
अब तो मामला बर्खास्तगी तक पहुंच गया है। इन सब के बावजूद, सुधार नहीं होने के पीछे क्या कारण हो सकता है, यह समझ से पड़े है। हालांकि, पुलिस विभाग लगातार कार्रवाई कर यह जता दिया है कि गलत काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे दोषी जो भी हो।
बता दें कि एक माह के अंदर आधा दर्जन पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। बहेड़ी थाना के दारोगा सुनील कुमार को आरोपित को मदद करने, वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश को मानने से इन्कार करने के आरोप में दो मई को निलंबित कर दिया गया था।
इसके बाद आरोपित को मदद करने के आरोप में 22 मई को बहेड़ी थानाध्यक्ष वरुण कुमार गोस्वामी को पदमुक्त करते हुए बहेड़ा के तत्कालीन पुलिस अंचल निरीक्षक राज कुमार मंडल और बहेड़ी कांड संख्या 333/24 के अनुसंधानकर्ता दारोगा धर्मदेव सिंह पर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
पांच दिन पहले सिमरी थाना के सहायक दारोगा अनिल कुमार तिवारी को छह हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। इससे पूर्व नौ अप्रैल 2025 को यातायात थानाध्यक्ष कुमार गौरव सहित दारोगा शशिभूषएा रजक को आरोपित चालक को छोड़ने और और उसके जगह दूसरे को न्यायालय से जमानत दिलाने में मदद करना महंगा पड़ गया।
दो मार्च 2025 को वाहन चेकिंग में जब्त स्कूटी को गबन कर लिए जाने के मामले में लहेरियासराय थाना के दारोगा ओमप्रकाश और महिला सिपाही रम्भा कुमारी को निलंबित कर दिया गया था। दोनों पर प्राथमिकी भी दर्ज है। मब्बी थानाध्यक्ष दीपक कुमार को अपहरण की प्राथमिकी नहीं दर्ज करने के आरोप में थानेदारी गंवानी पड़ी थी। इ
सके साथ ही विश्वविालय थाना के दारोगा अश्वनी कुमार के खिलाफ निर्दोष को हाजत में रखना और उसके जमीन को कब्जा कराने के आरोप में विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के आरोप में कुशेश्वरस्थान के थानाध्यक्ष राकेश कुमार को पद से हटना पड़ा।
24 अक्टूबर 2024 को नगर थाना के प्रशिक्षु दारोगा नीरज कुमार और सिपाही निशांत कुमार के खिलाफ़ प्राथमिकी तक दर्ज की गई। दाेनों पर शराब धंधेबाजों से तीन लाख रुपये मांगने का आरोप लगा था। 13 नवंबर 2024 को फेकला थानाध्यक्ष पूजा कुमारी और दारोगा पन्नालाल सिंह को निलंबित कर दिया गया। दोनों पर एक वारंटी को पकड़कर थाने से रिश्वत लेकर छोड़ देने का आरोप था।
22 नवंबर 2024 को बाजितपुर थाने के दरोगा शशिभूषण रजक को निलंबित कर दिया गया। उसके उपर पीड़ित पक्ष से रिश्वत मांगने को लेकर एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ था। दो अप्रैल 2024 को सकतपुर थाने के दारोगा कृष्णदेव यादव को शराब तस्करों के साथ संबंध रखना महंगा पड़ गया था।