रांची: राज्य में ऊर्जा बचत के लिए इन दिनों सरकार सौर ऊर्जा पर जोर देने में जुटी है. इसी के तहत शुक्रवार 31 जनवरी को केंद्र सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो और झारखंड सरकार के रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानि जरेडा के संयुक्त तत्वावधान में लघु एवं मध्यम उद्योग ऊर्जा बचत विषय पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक में छोटे एवं मध्यम उद्योग के प्रतिनिधि, स्टेकहोल्डर एवं ऊर्जा विभाग के पदाधिकारी मौजूद थे. बैठक में ऊर्जा बचत पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई.
इस मौके पर झारखंड रिन्यूएवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानी जरेडा के निदेशक के के वर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि ऊर्जा बचत के लिए सौर ऊर्जा से संचालित उद्योग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है. जिससे कम दर पर ऋण और अन्य सुविधा मुहैया कराकर बिजली उपकरण तैयार किया जा सके. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से बिजली की डिमांड है और भविष्य में यह और भी बढ़ेगी, ऐसे में ऊर्जा संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर हमें ध्यान रखना होगा.
भविष्य में बिजली की मांग को देखते हुए बैठक में ऊर्जा संरक्षित कर सौर ऊर्जा पर जोर देने का निर्णय लिया गया. जरेडा निदेशक के के वर्मा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि एनर्जी कंजप्शन जितना आप बचाते हैं, उतनी यूनिट का अप्रत्यक्ष, प्रत्यक्ष रूप से बिजली के उत्पादन में आप मदद करते हैं. आप अपने घर में बिजली बल्ब का इस्तेमाल करते हैं, एयर कंडीशनर, वाशिंग मशीन हर घर में हो गया है. फ्रिज हर घर में हो गया है. इलेक्ट्रिक आयरन आम बात है. ऐसे में इसके निर्माण का जो स्टैंडर्ड है, उसी का इस्तेमाल हो तो बहुत बड़ी बात होगी.
उन्होंने कहा कि फाइव स्टार एक एयर कंडीशनर डेढ़ टन का है. अगर वह फाइव स्टार रेटिंग का है तो वह सिर्फ दो मिनट खपत करेगा. यदि फाइव स्टार एयर कंडीशनर ही उत्पादन हो और इसका मूल्य कम हो तो सभी इसका इस्तेमाल करेंगे और बिजली की खपत में कमी आयेगी. जरेडा निदेशक ने कहा कि झारखंड ऐसा राज्य है, जहां पर हमें महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. हम ऊर्जा में बचत चाहते हैं तो हमें ऊर्जा दक्षता ब्यूरो इस दिशा में पहल करे. हमारे राज्य के अंतर्गत ऐसे इंडस्ट्रीज को प्रमोट करें जो सोलर पैनल का उत्पादन करते हैं.