अथमलगोला व बाढ़ स्टेशन के बीच नयी दिल्ली-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन होने से बच गयी. अथमलगोला के स्टेशन मास्टर की सूझबूझ व सतर्कता से यह हादसा टला.
दानापुर मंडल के अथमलगोला व बाढ़ स्टेशन के बीच बुधवार की अहले सुबह करीब 3:42 बजे 12274 नयी दिल्ली-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस बर्निंग ट्रेन होने से बच गयी. ऑन ड्यूटी स्टेशन मास्टर राणा राजीव कुमार (अथमलगोला) की सूझबूझ व सतर्कता से यह ट्रेन बर्निंग होने से बची. रेलवे सूत्रों के अनुसार 12274 नयी दिल्ली-हावड़ा दूरंतो एक्सप्रेस डाउन दिशा में अथमलगोला स्टेशन से समय 3:42 बजे पास हो रही थी. उस समय कार्यरत स्टेशन मास्टर अथमलगोला व पोर्टर द्वारा ट्रेन के पीछे से आग व धुआं देख लाल खतरा संकेत दिखाया और वॉकी-टॉकी से ड्राइवर व गार्ड को बताया कि गाड़ी के व्हील में आग लगी है, धुआं निकल रहा है. फाटक 55 के गेटमैन द्वारा चालक दल को लाल बत्ती दिखाया गया, उक्त ट्रेन के लोको पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ब्लॉक सेक्शन अथमलगोला बाढ़ के बीच रोक दिया गया.
अथमलगोला व बाढ़ स्टेशन के बीच की घटना
स्टेशन मास्टर ने घटना की सूचना दानापुर कंट्रोल को दी. फिर गेटमैन, गाड़ी के गार्ड व रेलवे सुरक्षा बल ने मिलकर आग बुझायी. यात्रियों के बीच अफरातफरी की स्थिति थी. इसी समय अप दिशा में ट्रेन थ्रू भी पास होने वाली थी. गेटमैन व स्टाफ ने अप दिशा के ट्रैक को क्लियर कराया. स्टेशन मास्टर राजीव कुमार की तत्परता से दानापुर मंडल में होने वाली बहुत बड़ी रेल दुर्घटना को टाल दिया गया. बहरहाल सबकुछ क्लीयर होने के बाद ट्रेन को आगे गंतव्य के लिए सुबह साढे चार बजे रवाना किया गया.
ब्रेक बाइंडिंग की वजह से हुई घटना
पूमरे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि ट्रेन में आग नहीं लगी थी. ब्रेक बाइंडिंग की समस्या से वजह से ऐसा हुआ. इससे कोई घबराने की बात नहीं है. कई बार यह चलती ट्रेन में ब्रेक बाइडिंग की घटना सामने आती है. ब्रेक बाइंडिंग के कारण धुआं और दुर्गंध होने लगता है, जिसके बाद तुरंत रेलवे की टीम काबू पा लेती है. ब्रेक बाइंडिंग तब होती है जब ब्रेक पहियों को बहुत कसकर पकड़ लेते हैं, जिससे धुआं निकलता है.