रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान अलग-अलग विभागों के द्वारा विधायकों को गिफ्ट देने की चली आ रही परंपरा आज भी जारी रही. झारखंड के श्रम एवं उद्योग विभाग की ओर से अनुदान बजट पर चर्चा के बाद माननीय विधायकों को महंगी गियर वाली साइकिल गिफ्ट की गई.
विभागीय मंत्री ने गर्व के साथ विधायकों को साइकिल गिफ्ट करते हुए तस्वीरें भी खिंचवाई, तो कई महिला विधायक विधानसभा परिसर में गिफ्ट में मिली साइकिल को सदन के बाहर घुमाती फिराती रहीं. पास खड़ी महंगी थार के बावजूद साइकिल के प्रति स्नेह भले ही अच्छा हो, लेकिन सवाल राज्य भर की उन हजारों-लाखों स्कूली बच्चे-बच्चियों का जिसके लिए साइकिल एक जरूरत है और आर्थिक स्थिति के चलते उनके माता-पिता साइकिल नहीं दिला पा रहे. सरकार की ओर से साइकिल योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिला. इस सवाल के जवाब में माननीयों ने कहा कि शिक्षा विभाग के अफसरों और शिक्षकों की वजह से बच्चों को साइकिल नहीं मिल पा रहा है. ये भी कहा गया कि भले ही हम लोगों का वेतन ले लिया जाए लेकिन राज्य में कोई भी बच्चा-बच्ची बिना साइकिल के न रहे.
सरकारी साइकिल पाने के लिए 500 रुपए रुपया मांगा जाता है- डॉ मंजू
जमुआ से भाजपा विधायक डॉ मंजू कुमारी ने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए साइकिल चलाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि कभी-कभी वह इसी से विधानसभा आया करेंगी, इससे प्रदूषण भी कम होगा. यह अलग बात है कि जब तक वह मीडिया से बात करती रहीं तब तक उनकी गाड़ी की इंजन चालू ही रही. भाजपा विधायक ने कहा कि उनके इलाके में पदाधिकारियों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों शिक्षकों की लापरवाही से बच्चे बच्चियों को साइकिल नहीं मिला क्योंकि वे लोग 500 रुपए रिश्वत मांगते हैं.
हमारी तनख्वाह से दी जाए बेटियों को साइकिल- रागिनी सिंह
वहीं, झरिया से भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि गिफ्ट में साइकिल मिलने पर अच्छा लग रहा है, इसी से विधानसभा आएंगे. उन्होंने कहा कि मुझे पहले से पता नहीं था कि आज साइकिल मिलने वाला है. अन्यथा हम उन बच्चों की आवाज सदन में जरूर उठाते जिन्हें साइकिल नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के सभी स्कूली बेटे बेटियों के लिए साइकिल देना चाहिए, सिर्फ चिन्हित के लिए नहीं.