Saturday, May 31, 2025

फर्जी बैंक गारंटी पर प्लेसमेंट एजेंसी को कैसे दिया ठेका? ACB के सवालों का जवाब नहीं दे पाए गजेंद्र सिंह

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एसीबी ने उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह से फर्जी बैंक गारंटी मामले में पूछताछ की। उनसे पूछा गया कि क्यों फर्जी गारंटी देने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई नहीं हुई और विभाग ने बैंक गारंटी का सत्यापन क्यों नहीं किया। गजेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने वरीय अधिकारियों के निर्देशानुसार काम किया और एजेंसी ने अपने प्रतिनिधियों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। दूसरे मामले में वे चुप रहे।

रांची। एसीबी की रिमांड पर पूछताछ के दौरान संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह से फर्जी बैंक गारंटी देने वाली दोनों प्लेसमेंट एजेंसियों पर सवाल दागा। गजेंद्र सिंह से पूछा गया कि मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 अगस्त 2023 को 5.35 करोड़ रुपये का फर्जी बैक गारंटी दी थी।

उसके बाद इस प्लेसमेंट एजेंसी ने 28 दिसंबर 2023 को पुराना बैंक गांरटी को बदल कर नया बैंक गांरटी दिया। इसके लिए एजेंसी ने अपने की-मैनेजमेंट में बदलाव का तर्क दिया। इस पर उत्पाद विभाग के किसी भी अधिकारी ने उन सभी बैंक गारंटी का सत्यापन क्यों नहीं किया।

इस पर गजेंद्र सिंह ने सिर्फ इतना ही कहा कि वरीय अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर ही विभाग में काम हुआ है। एसीबी ने आइटी प्रबंधक अमर कुमार मेहता व लेखापाल अमित कुमार की 19 मार्च 2025 को एसीबी को उपलब्ध कराए गए रिपोर्ट के आधार पर भी सवाल किया।

पूछा कि जब संबंधित बैंकों ने बताया कि बैंक गारंटी फर्जी है, बैंक ने निर्गत नहीं किया है, इसके बावजूद उनपर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसपर गजेंद्र सिंह ने सिर्फ इतना ही बताया कि इसके लिए आठ अप्रैल 2025 को एजेंसी संचालक से स्पष्टीकरण मांगा गया था।

एजेंसी संचालक ने इसके लिए अपने स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह व श्याम शरण पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया। झारखंड उच्च न्यायालय में भी नीरज कुमार सिंह ने बैंक गारंटी के अवधि विस्तार मामले में फर्जी पत्र दाखिल किया था।

गजेंद्र सिंह से मेसर्स मार्सन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 28 नवंबर 2023 को जमा किए गए 5.02 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी पर भी सवाल किया गया, लेकिन वे कुछ बोल नहीं पाए।

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