नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत और पराग्वे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं. उन्बोंने कहा कि, दोनों देशों के पास साइबर अपराध तथा मादक पदार्थों की तस्करी जैसी साझा चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होकर काम करने की अपार संभावनाएं हैं.
मोदी ने पराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पालासियोस के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में यह टिप्पणी की.पालासियोस समग्र सहयोग बढ़ाने के तरीकों की खोज के लिए भारत की तीन-दिवसीय यात्रा पर आज सुबह दिल्ली पहुंचे.
यह उनकी पहली भारत यात्रा है, जबकि दक्षिण अमेरिकी देश के किसी राष्ट्रपति की दूसरी यात्रा है. लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत के लिए पराग्वे एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है. ऑटोमोबाइल और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र की कई भारतीय कंपनियां पराग्वे में मौजूद हैं.
मोदी ने कहा, “हम डिजिटल प्रौद्योगिकी, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, रेलवे, अंतरिक्ष और समग्र आर्थिक साझेदारी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नये अवसर देखते हैं.” प्रधानमंत्री ने दक्षिण अमेरिकी व्यापार समूह मर्कोसुर के साथ भारत की तरजीही व्यापार व्यवस्था का भी उल्लेख किया.
उन्होंने कहा, “हम इसे और आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं.”मर्कोसुर या दक्षिण का साझा बाजार अर्जेंटीना, ब्राजील, पराग्वे और उरुग्वे से मिलकर बना एक व्यापारिक समूह है. दोनों नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया.
मोदी ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और पराग्वे एकजुट हैं. साइबर अपराध, संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी साझा चुनौतियों से लड़ने के लिए सहयोग की अपार संभावनाएं हैं.”
प्रधानमंत्री ने पराग्वे को ‘ग्लोबल साउथ’ का अभिन्न अंग बताया. उन्होंने कहा, “भारत और पराग्वे ग्लोबल साउथ के अभिन्न अंग हैं. हमारी उम्मीदें, आकांक्षाएं और चुनौतियां समान हैं. और यही कारण है कि हम इन चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं.”
उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि भारत कोविड महामारी के दौरान अपने टीके साझा करके पराग्वे को सहायता प्रदान कर सका. हम अपनी क्षमताओं को और अधिक साझा करके सहयोग की इस भावना को जारी रखने के लिए तत्पर हैं.”
भारत और पराग्वे के बीच 13 सितंबर 1961 को राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, उसके बाद दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित हुए. तब से दोनों देशों ने व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाया है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद का मुकाबला करने सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं.
