रांची। सरना धर्मकोड के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन कर शुरुआती बढ़त ले चुकी कांग्रेस अब भाजपा सांसदों को अलग-थलग करने की मुहिम में जुट गई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सरना धर्मकोड मुद्दे पर भाजपा सांसदों से समर्थन मांगा है। भाजपा के सहयोग न करने पर कांग्रेस जनता के बीच जाएगी। कांग्रेस के अनुसार आदिवासी समाज प्रकृति का पुजारी है और सरना धर्म प्रकृति की रक्षा करता है। वे जनगणना में अपने लिए अलग कॉलम की मांग कर रहे हैं जिसके लिए विधानसभा ने विधेयक पारित किया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी सांसदों को पत्र लिखकर इस आंदोलन में सहयोग करने की मांग की है। प्रदेश में भाजपा के अधिक सांसद हैं और यहीं से पूरे प्रकरण में राजनीति हो रही है।
भाजपा कांग्रेस के इस आंदोलन को किसी तरह से मानने से रही तो सहयोग का सवाल ही नहीं उठता। ऐसे में कांग्रेस जनता के बीच भाजपा को एक्सपोज करने की कोशिश करेगी।
सरना धर्मकोड के मुद्दे पर कांग्रेस ने तमाम सांसदों से सहयोग की उम्मीद की है। उन्होंने इसके लिए लंबे समय से चल रहे संघर्ष का उल्लेख करते हुए लिखा है कि आदिवासी समाज प्रकृति का पुजारी है और वर्षों से पेड़-पौधों, पहाड़ों की पूजा करते रहा है।
पूरी दुनिया बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर चिंतित- कांग्रेस
पूरी दुनिया बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर चिंतित है तो ऐसे में आदिवासी समाज के सरना धर्म की आत्मा ही प्रकृति की रक्षा करना है।
पूरी दुनिया में आदिवासियों के पारंपरिक धार्मिक अस्तित्व की रक्षा के लिए चिंतित है। ऐसे में सरना धर्म की रक्षा करना निश्चित तौर पर हम सभी का कर्तव्य है।
सरना आदिवासी जनगणना में पृथक कालम की मांग कर रहे हैं और उनकी इस मांग पर आधारित बिल को विधानसभा ने पारित कर केंद्र सरकार को भेज भी दिया है।
ऐसे में सांसदों को सकारात्मक प्रयास हो तो सरना धर्म के लिए जनगणना में अलग से कालम बनने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पत्र पर अभी तक किसी ने कोई जवाब नहीं दिया है।