कल्याण सिंह सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री रहे गिरीश नारायण पांडेय का शुक्रवार सुबह निधन हो गया.
रायबरेली : भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रहे गिरीश नारायण पांडेय का शुक्रवार (28 मार्च) को सुबह निधन हो गया. गिरीश नारायण पांडेय ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में दम तोड़ा. एक दिन पहले ही पत्नी का भी निधन हो गया था. गिरीश नारायण ने इंदिरा गांधी के खिलाफ गवाही दी थी.
गिरीश नारायण दो बार सरेनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रहे. कल्याण सिंह की सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री का पद मिला था. 1971 में गिरीश नारायण ने रायबरेली से इंदिरा गांधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था.
इंदिरा ने जेल में डलवा दिया था: विपक्ष ने दबाव बनाया और आरोप लगाया कि धन और राजनीतिक षड्यंत्र से इंदिरा गांधी ने चुनाव जीता. चुनाव परिणाम को लेकर मामला कोर्ट में चला गया और उसमें मुख्य गवाह गिरीश नारायण पांडेय को बनाया गया.
कोर्ट ने सुनवाई के बाद चुनाव को रद्द कर दिया. इससे नाराज इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू कर दी. इमरजेंसी के दौरान गिरीश नारायण को जेल में भी भेजा गया था. गिरीश नारायण पर कई बार कांग्रेस ने दबाव बनाकर पार्टी में शामिल करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से साफ मना कर दिया था.
सभी पार्टियों के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि: गिरीश नारायण को पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी का नजदीकी माना जाता था. गिरीश नारायण का अंतिम संस्कार पैतृक गांव गेगासों में गंगा घाट पर किया गया. सभी पार्टियों के नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
श्रद्धांजलि देने पहुंचे राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि गिरीश नारायण पांडे के निधन से पार्टी को निश्चित रूप से क्षति पहुंची है. क्योंकि वह रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के गार्जियन के रूप में थे.