Friday, March 28, 2025

पुलिस मुठभेड़ में ढेर चुनमुन ने पूर्णिया के हाउसिंग कॉलोनी में रह कर रखा था अपराध की दुनिया में कदम

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पूर्णिया के हाउसिंग कॉलोनी में रह कर पांच साल पहले चुनमुन झा ने छोटे-छोटे अपराध करना शुरू किया था. बताया जा रहा है कि पुलिस की मुखबिरी करने वाले एक शख्स ने उसे अपराध की दुनिया में लाया था.

  • पुलिस मुठभेड़ में ढेर चुनमुन झा शहर के हृदयस्थली कहे जाने वाला पूर्णिया के हाउसिंग कॉलोनी में रह कर अपराध की दुनिया में कदम रखा था. 30 अप्रैल 2021 को लोजपा नेता अनिल उरांव का अपहरण कर हत्या मामले में उसका नाम पहली बार सुर्खियों में आया. इसके बाद 26 जुलाई 2024 को तनिष्क शोरूम में हुए 3.70 करोड़ के गहने लूट के बाद पुलिस महकमे में वह शातिर अपराधी बन गया. आरा में बीते 10 मार्च को तनिष्क शोरूम में हुए लूटकांड में भी वह मुख्य अभियुक्त बनाया गया था. यही वजह है कि एसटीएफ की विशेष टीम ने उसे अररिया के नरपतगंज में घेर लिया, जहां मुठभेड़ में वह ढेर हो गया.

राह चलते लोगों का छीनता था मोबाइल व चेन

हाउसिंग कॉलोनी के रहनेवाले कुछ लोग बताते हैं कि पांच साल पहले चुनमुन झा ने अपने दादा और चाचा के घर रह कर छोटे-छोटे अपराध करना शुरू किया था. मोबाइल और चेन छिनतई में उसका नाम आने लगा था. वह हाउसिंग कॉलोनी व आसपास के लड़कों के साथ मिल कर बाइक चोरी व छिनतई में सक्रिय रहने लगा. दरअसल, पुलिस की मुखबिरी करने वाले एक शख्स ने उसे अपराध की दुनिया में लाया. फिलहाल, वह शख्स जेल की सलाखों में है. उसने हाउसिंग कॉलोनी में रहनेवाले करीब एक दर्जन लड़कों को अपराध का क ख ग सिखाया. तब राह चलते महिलाओं का चेन छीन लेना आम बात हो गयी थी. कोचिंग जाने वाली लड़कियों से छेड़खानी करना और बाइक चोरी की घटनाओं में अधिकांश इसी क्षेत्र के कुछ लड़कों की संलिप्तता रहती थी.

अनिल उरांव हत्याकांड में पहली बार गया था जेल

वर्ष 2021 के मार्च महीने में यहां के पांच दर्जन लोगों ने इस संबंध में एक सामूहिक आवेदन तत्कालीन एसपी दयाशंकर को दिया था. दिये गये आवेदन में एक शख्स की चर्चा की गयी थी, जिसमें पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगा कर यह कहा गया था कि मुखबिरी की आड़ में यह शख्स अपराधियों को संरक्षण देता रहता है. यह भी कहा गया था कि मुखबिरी के द्वारा कई कम उम्र के लड़कों को अपराध करने का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. लोजपा नेता अनिल उरांव की हत्या के एक सप्ताह पूर्व 24 मार्च 2021 को चुनमुन झा उर्फ राकेश और मो राहुल के खिलाफ केहाट थाना में आवेदन दिया गया था. इन दोनों पर मुहल्ले के एक युवक पर जानलेवा हमला करने और सोने की चेन छीन लेने का आरोप लगाया गया था. इस संबंध में केहाट थाना में कांड संख्या 274/21 दर्ज किया गया था, लेकिन पुलिस की मुखबिरी के दबाव में इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई थी. अनिल उरांव हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त अंकित यादव के साथ चुनमुन झा व मो राहुल की गिरफ्तारी हुई. गिरफ्तारी के बाद वह बेल पर जेल से बाहर निकल गया और फिर अपराध की दुनिया में फिर कदम रखा.

अपराध के बड़े गिरोह के सरगना से हुई दोस्ती

इसके बाद चुनमुन अपराध के बड़े गिरोह के साथ अपना संबंध बनाने लगा. वह अररिया जिले में भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. वह पूर्णिया के बाद आरा में हुए तनिष्क शोरूम लूटकांड का भी वांछित था. पूर्णिया के तनिष्क ज्वैलरी लूटकांड का वह तीन लाख का इनामी और फरारी अभियुक्त था. अररिया जिले के पलासी थाना क्षेत्र की बर्दबत्ता पंचायत के पैक्स अध्यक्ष संतोष मंडल पर गोली चलाने का आरोपित था.

2020 में पहली बार उसपर हुआ था मामला दर्ज

चुनमुन के खिलाफ वर्ष 2020 में पहली बार शराब बरामदगी का मामला दर्ज हुआ था. तब उसके घर से चोरी का सामान भी बरामद हुआ था. दो वर्ष पूर्व 2023 में फारबिसगंज में उसे आभूषण दुकान में लूट की योजना बनाते हथियार के साथ गिरफ्तार किया गया था. चुनमुन का पैतृक घर अररिया जिले के पलासी थाना अंतर्गत मजलिशपुर रहने की वजह से उसे वहां स्थानीय स्तर पर संरक्षण भी मिलने लगा था. पुलिस के अनुसंधान के अनुसार तनिष्क शोरूम लूटकांड के एक महीना पूर्व से वह यहां की रेकी कर रहा था. कहा तो यह भी जाता है कि लूटकांड में शामिल बाहर के अपराधियों को अररिया शहर में रहने के लिए लॉज उसी ने उपलब्ध करवाया था.

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